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शुक्र प्रदोष पर ऐसे करें भगवान शिव की पूजा



देवादिदेव महादेव की आराधना करने से भक्त के सभी कष्टों का हरण होता है और अंत में मानव कैलाशवासी होता है। शिव की आराधना भक्त पूरे साल करते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए शिव की विधि-विधान से पूजा करते हैं। सोमवार शिव का सबसे प्रिय दिन है। इसमें सावन सोमवार को शिव आराधना करने से पूरे साल की पूजा का फल प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि और प्रदोष को शिव उपासना करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

शुक्र प्रदोष का महत्व
प्रदोष के दिन शिव पूजा का बहुत महत्व है। इस दिन शिव आराधना करने के साधक के कष्टों का हरण होता है और सर्वसिद्धि की प्राप्ति होती है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को इस बार प्रदोष का व्रत है प्रदोष शुक्रवार को होने की वजह इसको शुक्र प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस साल यह 11 अक्टूबर को है।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
शुक्र प्रदोष व्रत की तिथि 11 अक्टूबर है और इस दिन शिव पूजा के लिए सबसे शुभ समय 5 बजकर 52 मिनट से लेकर 8 बजकर 23 मिनट तक है। भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट का है।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष व्रत करने वाले साधक को इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। नित्यकर्म से निवृत्त होकर महादेव का स्मरण करना चाहिए और शुक्र प्रदोष के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। प्रदोष के व्रत में प्रदोष काल यानी शाम के समय पूजा का महत्व है इसलिए इस दिन शाम के समय शिव पूजा जरूर करें। इसके लिए सूर्यास्त से एक घंटा पहले स्नान करें और उसके बाद श्वेत वस्त्र धारण करें। घर के पूजाघर या संभव हो तो ईशान कोण में शिव आराधना की व्यवस्था करें। दिनभर आहार ग्रहण ना करें। पूजास्थल को गाय के गोबर से लीपकर गंगाजल से पवित्र करें। पूजास्थल पर रंगोली या मांडना बनाएं।

कुश या ऊन के आसन पर पूर्वमुखी होकर स्थान ग्रहण करें। इसके बाद सबसे पहले शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करवाएं। शिव का शुद्ध जल से जलाभिषेक करें। शिवपूजा करते समय शिव पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करते रहें। जलाभिषेक के बाद शिव को चंदन, अबीर, गुलाल, कुमकुम, वस्त्र आदि समर्पित करें। बिलपत्र चढ़ाएं। इसके बाद शिव को सफेद फूल अति प्रिय है इसलिए सफेद फूल समर्पित करें। आंकड़ा, भांग, धतूरा समर्पित करें। पंचामृत, मिठाई, ऋतुफल, सूखे मेवे का भोग लगाएं, प्रदोष की कथा का वाचन करें, पूजा होने के पश्चात आरती उतारें और प्रसाद वितरीत करें।

शुक्र प्रदोष के उपाय
दाम्पत्य जीवन में आई दिक्कतों को दूर करने के लिए पति-पत्नी दोनों मिलकर ग्यारह लाल गुलाब के फूलों को गुलाबी धागे में पिरोकर संध्या के समय शिवलिंग पर ओम नम: शिवाय का जाप सत्ताइस बार करते हुए समर्पित करें। रिश्तों में मिठास आएगी। जीवन में ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए शिव मंदिर में सुगंधित तेल के तेरह दीपक जलाएं। एश्वर्य की प्राप्ति होगी। अखंड सौभाग्य के लिए इत्र मिले घी का दीपक शिव मंदिर में जलाएं। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। सभी सुखों की प्राप्ति के लिए तेरह गुलाब के फूल शिवलिंग पर समर्पित करें।

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