top header advertisement
Home - धर्म << सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर शुभ संयोग, 22 साल बाद आई शनिश्‍चरी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर शुभ संयोग, 22 साल बाद आई शनिश्‍चरी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


 

पितृपक्ष में पितृों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय किए जाते हैं। पितृकर्म के लिए शास्त्रों में सोलह दिन निर्धारित किए गए हैं। सोलह श्राद्ध की सोलह तिथियों पर परिजन अपने पितृों के निमित्त कर्मकांड करते हैं। इन तिथियों में जिस दिन पितृ की मृत्यु हुई थी उस दिन उनका श्राद्ध किया जाता है। ऐसा शास्त्रोक्त कथन है। लेकिन यदि आपको अपने पितृ की मृत्यु किस तिथि को हुई थी इसका पता नहीं है तो आप सर्वपितृमोक्ष अमावस्या को उनका श्राद्ध कर सकते हैं। मान्यता है कि इस दिन उन सभी पितृों का श्राद्ध करने का प्रावधान है जिनकी मृत्युतिथि का पता नहीं है।

पितृों को समर्पित है अमावस्या तिथि
अमावस्या तिथि पितृों को समर्पित तिथि है। इस साल सर्वपितृमोक्ष अमावस्या 28 सितंबर शनिवार को है। यह एक विशेष संयोग है, जब शनिवार को अमावस्या का विशेष संयोग बना है। इसलिए इस अमावस्या को सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के साथ शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है। इस साल पितृ शनिवार को विदा हो रहे हैं। इससे पहले यह संयोग 1999 में बना था।

सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के दिन श्राद्धकर्म करने के लिए दक्षिण दिशा की ओर आसन ग्रहण करे और उसके बाद पितृकर्म का प्रारंभ करें। पिण्डदान करें। पितृों को पिण्ड रुप यानी पंचतत्व का रूप मानकर उसका निर्माण किया जाता है। पिडदान के लिए पके हुए चावल में तिल, शहद, घी, दूध को मिलाकर एक गोला बनाया जाता है। एक पिंड जौ के आटे का बनाया जाता है और दोनों पिंडो को दान किया जाता है। पिंड का संबंध चंद्रमा से माना जाता है और पितृ चंद्रमा के माध्यम से पिंड को ग्रहण करते हैं।

श्राद्धकर्म में सफेद सामग्री का उपयोग करें। सफेद फूल, सफेद वस्त्र, दूध की खीर आदि अर्पित करें। धूप लगाकर पितृों को भोग लगाएं, क्योंकि पितृ आपके द्वारा अर्पित किए गए भोजन को धूप के माध्यम से ग्रहण करते हैं।

सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के मुहूर्त

प्रारंभ - 28 सितंबर 2019 को सुबह 3. बजकर 46 मिनट से

समाप्त - 28 सितंबर 2019 को रात 11 बजकर 56 मिनट तक

कुतुप मुहूर्त - सुबह 11 बजकर48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक

रोहिण मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से 1 बजकर 23 मिनट तक

अपराह्न काल - दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक

Leave a reply