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माला छोड़कर माल के पीछे मत भागिये, माला का जप साथ जाएगा माल यहीं रह जाएगा



महाकाल प्रवचन हॉल में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन
उज्जैन। साधना का मार्ग समाप्त हो सकता है, लेकिन परमात्मा की परिधि असीमित है। सेवक बनना है तो प्रभू के बनिए, दुनिया आपकी परख करेगी। क्योंकि सूर्य की उपासना करने से सृष्टि ऊर्जावान हो जाती है। मन में प्रेम होगा तो हर तरफ़ प्रेम दिखेगा, द्वेष होगा तो हर तरफ़ द्वेष ही होगा। धरती पे हरियाली जल के कारण है, इसी तरह जीवन में हरियाली चाहिए तो नारायण को जपिये। पारमार्थिक दृष्टिकोण रखने से कल्याण का भाव पैदा होता है और मोक्ष प्राप्ति के लिए 38 प्रकार के लक्षण होना जरूरी है। माला छोड़कर माल के पीछे मत भागिये, माला का जप साथ जाएगा माल यहीं रह जाएगा।
उक्त बात महाकाल प्रवचन हॉल में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में उत्तम स्वामी महाराज ने कही। शुक्रवार को सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन यज्ञ की पूर्णाहुति कर किया गया। इस अवसर पर महाआरती में गोरेलाल बारचे क्षेत्रीय प्रचारक, तपन भौमिक राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरु भक्त मंडल, ओम जैन राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, राम भागवत राष्ट्रीय मंत्री, हेमंत अत्रीवाल इंदौर, ओम सिलावट इंदौर, संजीव गोयल, मुख्य जजमान प्रकाश यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम बंसल, सेवा भारती के जिला अध्यक्ष रवि सोलंकी, राकेश शर्मा, तुषार पंवार, शैलेंद्र शर्मा, संजीव बना, हलवाई एसोसिएशन के कृष्णा भागवत, मनमोहन तिवारी, अशोक गहलोत, राजकुमारी ठाकुर, रजनी नरवरिया, उमा चौहान, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, टोंक, रतलाम के गुरु भाई सहित सैकड़ों भक्तों ने की। कार्यक्रम का संचालन अशोक भाटी राष्ट्रीय कवि ने किया। पुष्प मालाओं से अभिनंदन प्रकाश रघुवंशी, बुद्धिप्रकाश सोनी, पार्षद सुरेंद्रसिंह अरोरा, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला, मुकेश पाटीदार, रूप पमनानी आदि समाज जनों ने किया।

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