RBI ने हटाया RTGS और NEFT से फंड ट्रांसफर करने का शुल्क
मुंबई. आरबीआई ने आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर पर शुल्क खत्म कर दिए हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया। बैंकों से कहा गया है कि वे ग्राहकों को इसका फायदा दें। आरबीआई एक हफ्ते में बैंकों को निर्देश जारी करेगा। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में एनईएफटी के जरिए 20.34 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए। इस दौरान आरटीजीएस के जरिए 1.14 करोड़ लेन-देन हुए थे।
आरटीजीएस के जरिए 2 लाख रु. या अधिक राशि तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) के तहत 2 लाख रुपए या अधिक की राशि ट्रांसफर की जा सकती है। इसके जरिए तुरंत फंड ट्रांसफर हो जाता है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए राशि ट्रांसफर करने के लिए न्यूनतम सीमा तय नहीं है। इसके जरिए फंड ट्रांसफर में आधे से एक घंटे तक का वक्त लग जाता है।
देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई आरटीजीएस के जरिए ट्रांजेक्शन पर फिलहाल 5 रुपए से 51 रुपए तक शुल्क लेता है। एनईएफटी पर 1 रुपए से 25 रुपए तक फीस लगती है।
आरटीजीएस पर एसबीआई के शुल्क
राशि इंटरनेट बैंकिंग चार्ज बैंक शाखा के जरिए ट्रांजेक्शन पर चार्ज
2 लाख से 5 लाख रुपए 5 रुपए 25 रुपए
5 लाख रुपए से ज्यादा 10 रुपए 51 रुपए
एनईएफटी पर एसबीआई के शुल्क
राशि इंटरनेट बैंकिंग चार्ज बैंक शाखा के जरिए ट्रांजेक्शन पर चार्ज
10000 रुपए तक 1 रुपया 2.5 रुपए
10000 से 1 लाख रुपए तक 2 रुपए 5 रुपए
1 लाख से 2 लाख रुपए तक 3 रुपए 15 रुपए
2 लाख रुपए से अधिक 5 रुपए 25 रुपए
एटीएम के शुल्कों की जांच के लिए कमेटी बनेगी
आरबीआई ने एटीएम के इस्तेमाल पर लगने वाले शुल्कों की समीक्षा के लिए भी कमेटी गठित करने का फैसला लिया है। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के सीईओ की अध्यक्षता में रिजर्व बैंक कमेटी गठित करेगा। यह कमेटी एटीएम के शुल्कों को लेकर पूरी स्थिति की जांच करेगी और पहली बैठक होने के 2 महीने में रिपोर्ट पेश करेगी। आरबीआई का कहना है कि एटीएम पर लगने वाले शुल्कों में बदलाव की लगातार मांग हो रही है।