आम आदमी को RBI का तोहफा रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटाया, NEFT और RTGS पर नहीं लगेगा चार्ज
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में आम आदमी को एक बार फिर राहत दी है। रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में चौथाई फीसद की कटौती की है। इस प्रकार मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पेश हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की गई है। होम और ऑटो लोन लेने वालों के लिए यह राहत भरी खबर है। अब उनकी EMI का बोझ घटेगा। आपको बता दें कि यह लगातार तीसरी बार है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती की है।
RBI द्वारा नीतिगत दरों में कटौती किए जाने के बाद रेपो रेट 6 फीसद से घटकर 5.75 फीसद और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसद से घटकर 5.50 फीसद पर आ गई है। सितंबर 2010 के बाद पहली बार रेपो रेट 6 फीसद के नीचे आया है। हाल ही में GDP (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ रेट के आंकड़े आए थे जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.8 फीसद रही। विशेषज्ञों का अनुमान था कि आर्थिक विकास दर में कमी के कारण भी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
NEFT और RTGS से पैसे ट्रांसफर करने पर नहीं लगेगा चार्ज: RBI ने आरटीजीएस और एनईएफटी लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को भी खत्म करने का निर्णय लिया है और सभी बैंकों को इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। RBI ने कहा है कि एनबीएफसी सेक्टर की निगरानी की जा रही है साथ ही सिस्टम में पर्याप्त तरलता वह सुनिश्चित करेगा।
मौद्रिक नीति कमेटी (MPC) के सभी सदस्य- डॉ. चेतन घाटे, डॉ. पामी दुआ, डॉ. रविंद्र ढोलकिया, डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा, डॉ् विरल आचार्य और शक्तिकांत दास ने एकमत से रेपो रेट घटाने का निर्णय किया। साथ ही मौद्रिक नीति के नजरिए को 'न्यूट्रल' से 'एकोमोडेटिव' कर दिया है।
GDP के अनुमान में संशोधन: रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिए आर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमानों में कटौती की है। ट्रेड वार के कारण कमजोर वैश्विक मांग से आगे भी भारत का निर्यात और निवेश गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। RBI ने 2019-20 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.2 फीसद से घटाकर 7 फीसद कर दिया है।
क्या होता है रेपो रेट: रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को उधार देता है। रेपो रेट घटने से यह संकेत मिलता है कि कॉरपोरेट और व्यक्तिगत तौर पर कर्ज लेने वालों के फंड की लागत घटेगी । हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस साल रेपो रेट में दो बार कटौती गई जिसका पूरा लाभ बैंकों ने अपने ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है।