दूल्हे ने एक ही मंडप में दो दुल्हनों के साथ लिये फेरे
दंतेवाड़ा । एक म्यान में दो तलवार नहीं रखी जा सकती, ठीक उसी तरह एक युवक से एक मण्डप पर दो महिलाएं फेरे नहीं लेती, लेकिन दन्तेवाड़ा के बारसूर इलाके में यह देखने को मिला। ग्राम मुचनार में एक ही मण्डप पर एक ही दूल्हे के साथ दो महिलाओं ने फेरे लिए।
यह शादी लोगों के लिए यादगार बनने के साथ इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है| इस अनोखी शादी में सभी बड़े-बुजुर्गों ने भी हिस्सा लिया और शादी पूरी सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। बड़े-बुजुर्गों ने कहा कि यह शादी विचित्र है उन्होंने अपने जीवन में अब तक ऐसी शादी ना तो करवाई थी और ना ही देखी थी।
लिव इन रिलेशनशीप के बाद मैरिज
इस विवाह की कहानी महानगरों की तरह लिव इन रिलेशनशिप से शुरू होकर मैरिज तक पहुंची है। दरअसल ग्राम मुचनार के युवक बीरबल का करीब तीन साल पहले करेकोट की युवती सुमनी से परिचय और प्यार हुआ। इसके बाद सुमनी मुचनार आकर बीरबल के साथ पति- पत्नी की तरह रहने लगी।
कुछ माह में ही उनके प्यार में खोट दिखने लगा और सुमनी मायके चली गई। बीरबल उसे मनाने की कोशिश की लेकिन सुमनी नहीं लौटी। करीब दो साल बाद पिछले दिनों बीरबल ने बारसूर के चालकीपारा निवासी युवती प्रतिभा को अपने घर ले आया। इस पर परिजनों ने दोनों का सामाजिक तौर पर विवाह की तैयारी शुरू कर दी।
इसकी जानकारी मिलने पर सुमनी भी मुचनार पहुंचकर बीरबल पर अपना हक जताया। वह कहने लगी कि मैं बीरबल के साथ रहना चाहती हूं। उधर प्रतिभा भी अपने फैसले पर अडिग रहकर बीरबल की पत्नी बनने अड़ी रही। यह बात परिवार से गांव और समाज के बीच पहुंची।
तब बुजुर्गों ने तीनों को साथ बिठाकर उनकी बातें और राय सुनी। इसके बाद बीरबल का विवाह सुमनी और प्रतिभा से एक साथ करने का निर्णय सुनाया। जिसे दोनों युवतियां ही नहीं, बीरबल और उसके परिजनों ने भी स्वीकार किया। बुजुर्गों की मौजूदगी में सुमनी और प्रतिभा, बीरबल के साथ रविवार को एक मंडप पर एक साथ फेरे लिए और एक साथ रहने का सात वचन दोहराया। इस विवाह के साक्षी गांव के बड़े बुजुर्गो के साथ युवा भी बने।