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शहर के 200 से अधिक अशासकीय विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार के तहत नि:शुल्क प्रवेश के अवसर



उज्जैन | शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत नगर के दो सौ से अधिक अशासकीय विद्यालयों में सत्र 2019-20 में नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। बीआरसीसी उज्जैन श्री प्रबोध पंडया द्वारा जानकारी दी गई कि नि:शुल्क एवं शिक्षा के प्रावधानों के चलते उज्जैन नगर की 237 शालाओं की वार्डवार सूची अब पोर्टल पर उपलब्ध है। आरटीई नोडल बीएसी उज्जैन शहर श्री करण सिंह परिहार ने आवेदन प्रक्रिया के बारे में बताया कि इस वर्ष ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया विगत 30 अप्रैल से प्रारम्भ हो चुकी है। पोर्टल पर आवेदन की अंतिम तिथि 29 मई है एवं 30 मई तक त्रुटि सुधार हेतु विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।

   इस वर्ष विशेष संशोधन करते हुए राज्य शासन से स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि एक आवेदक एक ही बार आवेदन कर सकेगा जिसमें वह अपने बच्चे के लिए वरीयता क्रम में न्यूनतम 03 एवं अधिकतम 10 शालाओं का चयन कर सकेगा। जिसमें से पात्रता अनुसार लॉटरी के माध्यम से प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा। ईच्छुक आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, तत्पश्चात ऑनलाइन दर्ज आवेदन का प्रिंट निकालकर निकटस्थ संकुल केंद्र (शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय) के प्राचार्य से मूल दस्तावेजों का सत्यापन करवाना होगा। अशासकीय विद्यालयों की वार्डवार सूची बीआरसी कार्यालय मे चस्पा की गई है।

पात्रता के मापदण्ड
   आरटीई के अन्तर्गत नि:शुल्क प्रवेश के लिये निर्धारित मापदंड के अनुसार वंचित समूह में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार और 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता(CWSN) वाले बच्चे शामिल होंगे। इसके अलावा कमजोर वर्ग में गरीबी रेखा के नीचे के परिवार के बच्चे शामिल होंगे।
   वंचित समूह में अजा, अजजा और विमुक्त जाति के बच्चों के लिये राशन कार्ड और जाति प्रमाण-पत्र, वन भूमि के पट्टाधारी परिवार के बच्चे के लिए संबंधित पट्टा या वन अधिकार अधिनियम के तहत जारी अधिकार पत्र, निःशक्तता वाले बच्चों के लिए 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता का चिकित्सीय प्रमाण पत्र, कमजोर वर्ग के लिए बी.पी.एल./अंत्योदय कार्ड, महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा पंजीकृत अनाथ बच्चे और यदि बच्चा एचआईवीग्रस्त केटेगरी का है तो जिला मेडिकल वोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र दस्तावेज के रूप में मान्य होंगे।

   निवास के प्रमाण के लिये मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पात्रता पर्ची, समग्र पर्ची, ग्रामीण क्षेत्र का जॉबकार्ड, अद्यतन पासपोर्ट, ड्राइविंग लायसेंस, बिजली बिल, पानी बिल या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज़ जिसमें पालक/अभिभावक के निवास का पता अंकित हो मान्य होंगे।

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