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एक लाइसेंस से चल रही दो मटन की दुकान



उज्जैन नगर पालिका निगम स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से उज्जैन बन रहा अवैध मांस की मंडी
उज्जैन। नगर पालिका निगम द्वारा उज्जैन शहरी सीमा क्षेत्र में 17 मटन दुकानों को लाईसेंस जारी किये हैं लेकिन एक ही लाईसेंस पर दो या इससे अधिक दुकानें दुकानदारों द्वारा चलाई जा रही हैं। नगर पालिका निगम के स्वास्थ्य विभाग का अमला खुले रूप से इन दुकानदार से मिला हुआ है जिसके कारण उज्जैन शहर अवैध मांस की मंडी बन गई है।
मध्यप्रदेश युवा शिवसेना गोरक्षा न्यास के अध्यक्ष मनीषसिंह चौहान ने बताया कि दुकानदार लायसेंस को ताक में रखकर अपनी ही दुकानों पर बिना मेडिकल कराए बूढ़े, बीमार, मरे हुए जानवर काट के बेच रहे हैं जबकि नियमानुसार नगर पालिका निगम द्वारा नगर पालिका निगम के डॉक्टर द्वारा वेयर हाउस के अंदर मेडिकल करने के बाद मांस बेचने का लाइसेंस दिया गया है। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका निगम के स्वास्थ विभाग द्वारा मिलीभगत से एक लाइसेंस पर दो मटन दुकान संचालित की जा रही हैं। मकोडिया में स्थित हाजी सईद पिता रहमान को 27 जुलाई 1990 में नगर पालिका निगम द्वारा लाइसेंस दिया गया था लेकिन एक लाइसेंस पर उसके द्वारा दो दुकान संचालित हो जा रही है। पास में ही अब्दुल रजाक द्वारा द्वारा बेबी मटन के नाम से एक लाइसेंस पर दो दुकान संचालित की जा रही है। मनीष चौहान ने बताया कि अखिल भारत हिंदू महासभा और मध्य प्रदेश युवा शिवसेना गोरक्षा न्यास द्वारा आंदोलन चलाकर उज्जैन शहर की सभी मांस की दुकानों को उज्जैन शहर के बाहर करने की मांग की जाएगी। 

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