नृसिंह जयंती पर सुबह 11 बजकर 11 मिनिट 11 सेकंड पर हुआ अंतरराष्ट्रीय महानाद योग
उज्जैन। पुण्य सलिला मां शिप्रा का संरक्षण करने, उज्जैनी को नाभि केंद्र मानकर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित करने तथा मंत्र अनुसंधान एवं ओंकारनाद चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सहित 7 देशों से एक साथ आयोजित अंतरराष्ट्रीय महानाद योग का आयोजन शुक्रवार को शिप्रा नदी के तट पर नृसिंह घाट स्थित सिद्धाश्रम में विशेष रूप से निर्मित डोम में प्रातः 11 बजकर 11 मिनिट 11 सेकंड पर हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के बोर्ड मेंबर एवं ख्यात होम्योपैथ डॉक्टर एके दिवेदी थे। अध्यक्षता सिद्धाश्रम के संचालक शक्तिपात आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. नारदानंद महाराज ने की। विशेष अतिथि के रूप में ब्रम्हाकुमारी उज्जैन केंद्र की डायरेक्टर उषा बहन एवं योग सुधा केंद्र के डायरेक्टर सुधा शर्मा, साहित्यकार सूरज नागर सहित स्थानीय एवं देश-विदेश से आए कई गणमान्य नागरिक मौजूद थे। संयोजक विजय कौशिक ने बताया कि यह कार्यक्रम का चौथा वर्ष है सिंहस्थ 2016 से शुरू हुआ यह अभियान धीरे धीरे अपना विस्तार भारत के साथ साथ बाली ब्राज़ील, चेक रिपब्लिक अमेरिका सहित 7 देशों में कर चुका है। आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कौशिक ने उज्जैन नगरी के नाभि केंद्र होने के प्रमाण में आध्यात्मिक भौगोलिक साइंटिफिक रूप से प्रकाश डाला और विस्तार से उज्जैनी को नाभि केंद्र घोषित कर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित करने की मांग की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ एके द्विवेदी ने संबोधित करते हुए ओंकार नाद की चिकित्सा में महत्ता बताई और आयुष मंत्रालय द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए किस तरह कैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं उन से अवगत कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शक्तिपात आचार्य डॉ. स्वामी नारदानंद ने संबोधित करते हुए बताया कि किस तरह से अनेक देश विदेश से आए हुए भक्तों ने यहां अपने मानसिक एवं ब्रेन टयूमर जैसी बीमारी तथा अन्य रोगों में ओंकार नाद का उच्चारण कर आराम पाया साथ ही उन्होंने विश्व के आठवें आश्चर्य ढाई टन वजनी पारद शिवलिंग की महत्ता भी बताई और यहां आयोजित स्वर्ण आरती में पारद शिवलिंग द्वारा स्वर्ण पत्र का भक्षण करते हुए भी साक्षात दिखाया। इस चमत्कार को देखकर वहां मौजूद सभी भक्त एवं पत्रकार बंधु भी आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने बताया कि अब से प्रतिदिन सुबह 9 बजे यहां पारदेश्वर महादेव मंदिर पर यह स्वर्ण आरती की जाएगी। संचालन पं. बृजमोहन शर्मा ने किया तथा आभार ब्रह्मचारी स्वामी प्रणवानंद ने माना। इस अवसर पर शहर के योग गुरु डॉ नागेंद्र, इंदौर की व्यवसायी मौमिता सरकार, चेक रिपब्लिक से आए महाप्रभु, स्वाति कौशिक, भाविका आदि ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में महाप्रसादी का आयोजन भी हुआ।