प्राविण्य सूची में छात्राओं के नाम उन्नत समाज के निर्माण का संकेत है - डॉ. उमा वाजपयी
उज्जैन। विश्वविद्यालय की प्राविण्य सूची में जब छात्राओं के नाम देखने को मिलते है तो मन उत्साह से भर जाता है क्योंकि किसी भी उन्नत समाज का निर्माण इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें छात्राओं की शिक्षा का स्तर कैसा है ? जब छात्राऐं शिक्षित होती है तो वे प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्र के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाती है। उक्त विचार ख्यात शिक्षाविद डॉ. उमा वाजपयी ने भारतीय महाविद्यालय में विक्रम वि.वि. में मेरिट प्राप्त छात्राओं के सम्मान समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता करते हुए हिंदी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय की प्राध्यापक डॉ प्रेमलता चुटेल ने कहा कि वि.वि. की प्राविण्य सूची में स्थान प्राप्त करना जीवन का अन्तिम लक्ष्य नही होना चाहिए बल्कि इन प्रतिभावान छात्राओं को चाहिए कि वे आगे भी अपनी शिक्षा निरन्तर जारी रखे और शिक्षा के अगले पड़ाव पर भी सफलताऐं प्राप्त करें। छात्राओं को चाहिए कि वे घर में ,परिवार में या अपने कार्य क्षेत्र में अपनी भूमिका सक्रिय रखें और अपना अस्तित्व बनाए रखें।
इस अवसर पर संस्थाध्यक्ष श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ एवं अतिथियों द्वारा विक्रम वि.वि. की प्राविण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बी.ए. की कु. हिमांशी कुंवर राजपुत, बी.काॅम की प्राविण्य सूची में स्थान प्राप्त कु. शालिनी नागर, एम.काॅम. की प्राविण्य सूची में स्थान प्राप्त कु. लहर नानवानी एवं बी. काॅम. आनर्स की प्राविण्य सूची में स्थान प्राप्त कु. पमलीन कौर मुंगा का सम्मान किया गया। अतिथि स्वागत संस्था की डायरेक्टर सुश्री अमृता कुलश्रेष्ठ ने किया। संचालन महाविद्यालय के डायरेक्टर डाॅ. गिरीश पण्ड्या ने किया। आभार महाविद्यालयीन प्राचार्य डाॅ. नीलम महाडिक ने दिया।