top header advertisement
Home - उज्जैन << श्री परशुराम जन्म स्थली जानापावा मंदिर की बदली ध्वजा

श्री परशुराम जन्म स्थली जानापावा मंदिर की बदली ध्वजा



श्री भृगु भार्गव ब्राह्मण समाज ने मनाया श्री परशुरामजी का जन्मोत्सव
उज्जैन। श्री भृगु भार्गव ब्राह्मण समाज द्वारा अक्षय तृतीया के अवसर पर शंकर भवन में भगवान विष्णु के छठवें पूर्णावतार भगवान श्री परशुराम का जन्मोत्सव प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ मनाया। वहीं समाज अध्यक्ष यशवंत भार्गव के नेतृत्व में एक दल श्री परशुराम जन्मस्थली जानापावा (मानपुर) पहुंचा तथा परंपरानुसार मंदिर की ध्वजा बदली गई। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त एएसआई परशराम शर्मा ग्वालियर थे अध्यक्षता पं. आर.के. भार्गव ने की। समाज अध्यक्ष यशवंत भार्गव द्वारा भगवान परशुरामजी एवं महर्षि भृगु की मंत्रोच्चारण द्वारा विधिवत पूजन एवं आरती की। इस अवसर पर पं. प्रेमानंद भार्गव, पं. जियालाल शर्मा, पं. जगदीश भार्गव, पं. आर.के. भार्गव, पं. विवेक व्यास, पं. अवधनारायण भार्गव, पं. उमाशंकर भार्गव, पं. अशोक भार्गव, पं. अरविंद शर्मा, पं. उमेश भार्गव, पं. ओ.पी. भार्गव, पं. अरूण भार्गव, पं. प्रमोद भार्गव, पं. अशोक भार्गव, पं. विनय मिश्रा, पं. लोटीराम तिवारी, पं. ओमप्रकाश भार्गव, पं. अमितोज भार्गव, पं. जगदीश शर्मा, पं. रमण भार्गव, पं. सत्यनारायण दुबे, पं. चंद्रशेखर भार्गव, पं. तेजकरण भार्गव, पं. मनोज दुबे, पं. सुरेन्द्र व्यास, पं. विजय शर्मा, पं. विरेन्द्रकुमार भार्गव, पं. संतोष चौधरी, पं. ओमप्रकाश भार्गव, पं. पदमकुमार टेडिया, पं. निरूक्त भार्गव, नीलम शर्मा, मीना दुबे, हेमा भार्गव, दीप्ति भार्गव आदि समाजजन उपस्थित थे। 
इस अवसर पर आशीर्वाद देते हुए पं. प्रेमानंद महाराज ने भगवान श्री परशुराम के बारे में समाजजनों को जानकारी दी। इस अवसर पर पं. जियालाल शर्मा ने भी संबोधित किया। पं. अरूण भार्गव ने कहा कि जब श्रीराम ने धनुष तोड़ा तो उन्हें भी श्री परशुरामजी के क्रोध का सामना करना पड़ा। जब भीष्म ने महाभारतकाल में अम्बा को छोड़ा तब उन्हें भी अपने ही गुरू परशुराम से युध्द करना पड़ा। पं. पदमकुमार टेडिया ने कहा कि प्राकृतिक रक्षा ही संस्कृति की रक्षा है तथा पूरे संसार की सुरक्षा है। पर्यावरण प्रदूषण आज की सबसे बड़ी समस्या है, इस पर समाजजनों को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिये। 

Leave a reply