मंगलनाथः कर्मचारी बोले- प्रशासक रुपए मांग रहे, प्रशासक-नियम का पालन कराया तो विरोध
उज्जैन। महामंगल की जन्मस्थली मंगलनाथ मंदिर में अफसर और कर्मचारी आमने-सामने हो गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासक रुपए की मांग करते हैं। जबकि प्रशासक का कहना है कि नियम का पालन कराने पर कर्मचारी इस तरह की शिकायतें कर रहे हैं। मामले में कर्मचारियों की ओर से शिकायती पत्र प्रशासन तक पहुंचा है। प्रशासन जांच की बात कह रहा है।
मंगलनाथ मंदिर में बीते कई दिनों से सबकुछ सही नहीं है। पहले प्रबंधक की जेब से मंदिर की दानराशि के रुपए पकड़े गए। प्रबंधक को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद मंदिर की कमान पूरी तरह प्रशासक नरेंद्रसिंह राठौर को सौंप दी गई। राठौर ने सख्ती की और इसका फायदा भी हुआ। मंदिर के खजाने में ज्यादा राशि आने लगी। नियमानुसार रसीदकर कटकर पूजन होने लगा। हाल ही में कर्मचारियों ने एक नया आरोप लगाकर प्रशासक को कठघरे में लिया है। उनका कहना है कि प्रशासक हर काम के लिए रुपए की मांग कर रहे हैं। ऐसा न करने पर दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में मंगलवार को एक कर्मचारी से दो हजार रुपए की मांग की गई। इस संबंध में कर्मचारियों ने जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है। दूसरी ओर प्रशासक राठौर का कहना है कि आरोप पूरी तरह गलत है। कर्मचारियों से मंदिर हित में जब नियमों का पालन कराया तो वे विरोध करने लगे। उनके आगे न झुकने पर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं।
मंदिर से जुड़े जानकार बताते हैं कि यहां कई पुजारी-पुरोहित व कर्मचारियों के अपने निजी हित भी जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि जब-जब सख्ती की जाती है तो विरोध सामने आता है। अपनी पड़ताल में पाया कि मंदिर में काफी हद तक पारदर्शिता आई है।