बेसहारा बुर्जुगों का सहारा बन सकती है रिवर्स मोर्गेज स्कीम
हम लोगों ने तमाम तरह के लोन सुने होंगे। आज बहुत से लोगों को लोन लेने के लिए हमेशा फोन की घंटियां बजती रहती हैं। कार लोन, पर्सनल लोन, एजूकेशन लोन के लिए तो हमेशा देने वाले लाइन लगा कर खड़े रहते हैं। होम लोन देने के लिए भी तगड़ी टक्कर रहती है। कहने का मतलब यह है कि आज हमें एक फोन पर लोन मिल जाता है। लेकिन अब आज हम एक ऐसे लेन के बारे में चर्चा करेंगे कि जिसे शायद आपने नहीं सुना होगा। और यदि सुना भी होगा तो इस्तेमाल नहीं किया होगा। क्योंकि इस लोन को पाने के लिए ही 60 साल से अधिक की उम्र होना जरूरी है। वहीं महिलाओं के लिए 58 साल की उम्र होना आवश्यक है। तो सबसे पहले यह समझने की कोशिश करते हैं कि यह अनोखा लोन है क्या? जी हां, यही अनोखा लोन रिवर्स मॉर्गेज लोन
रिवर्स मॉर्गेज लोन
जैसा कि यह नाम से ही रिवर्स लग रहा है, मतलब वापस। अब क्या वापस है इसे समझने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। होम लोन में हमें घर के सारे दास्तावेज जमा करने पर लोन मिल जाता है। फिर उस लोन को चुकाने के लिए महीने की किस्त भरते रहते हैं। जिसे ईएमआई कहते हैं। मतलब एक मुश्त रकम मिल गई। फिर उसे किश्तों में भरते रहते हैं। उसी तरह रिवर्स मॉर्गेज लोन मे बैंक आपके घर को गिरवी रख लेते हैं। फिर हर महीने बैंक आपको पैसे देते रहेंगे। आवेदक की जब मृत्यु हो जायेगी तो ये घर बैंक का हो जायेगा।
घर पर कैसे मिलेगा लोन
इस स्कीम के तहत मालिक को बैंक को पैसा वापस नहीं करना होता है। बैंक आपके घर को गिरवी रखने के हर महीने पैसा देता रहता है। पैसा हर महीने कितना मिलेगा ? यह घर की कीमत पर निर्भर करता है। घर की कीमत पर 60 फीसदी लोन मिल सकता है। इसके साथ ही मालिक अपने घर पर रह सकता है। रिवर्स मॉर्गेज स्कीम के तहत अपना घर गिरवी रखने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद घर बैंक का हो जाता है। अब यदि उस व्यक्ति के परिजन घर लेना चाहें तो घर की कीमत देकर घर को खरीदा जा सकता है।
इस स्कीम के तहत बैंक 60 साल की उम्र से अधिक लोगों को ही लोन देती है। कुछ बैंक हैं जो 72 साल की उम्र पार करने पर ये लोन नहीं देते। यह लोन 15 साल तक के लिए ही मिलता है। यदि पति-पत्नी दोनों लोग इस लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो पति की उम्र 60 साल और पत्नी की उम्र 58 साल होना जरूरी है।
भारत में इस लोन को बहुत कम लोग लेते हैं। कई सीनियर सिटीजंस इस स्कीम के बारे में जानकारी नहीं होती। या फिर उनके परिवार के लोग उनका खर्च चलाते हैं। जिससे सीनियर सिटीजन्स को ऐसे लोन की जरूरत नहीं पड़ती।
फिर भी यह लोन उन सीनियर सिटीजन्स के लिए उपयोगी है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। परिवार में उनके बच्चे उनसे अलग रहते हैं। साथ ही खर्च करने के लिए पैसे भी नहीं देते। ऐसे में अगर कोई सीनियर सिटीजंस बेसहारा हो जाये तो उसके लिए रिवर्स मॉर्गेज लोन किसी संजीवनी से कम नहीं है।