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यहॉं रेत पर बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क, 13 लाख घर होंगे रोशन



अबुधावी. दुबई के रेगिस्तान में यूएई के प्रधानमंत्री के नाम पर बन रहा मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम सोलर पार्क रोज नए आयाम स्थापित कर रहा है। 95 हजार 200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला सोलर पार्क जब पूरा होगा तब यह 13 लाख घरों को रोशन करने की स्थिति में होगा। ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने की दिशा में भी यह खासा कारगर होगा।

पार्क की वजह से कार्बन का उत्सर्जन सालाना 65 लाख टन तक कम होगा। इसके 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह 5 हजार मेगावॉट बिजली पैदा करेगा। मौजूदा वक्त में चीन का सोलर पार्क सबसे बड़ा है। इससे 1547 मेगावॉट बिजली पैदा हो रही है।

पार्क के निर्माण में बुर्ज खलीफा से तीन गुना ज्यादा समय लगेगा
2012 में इस सोलर पार्क के निर्माण की घोषणा की गई थी। इसकी क्षमता 5000 मेगावाट तक की जानी है। इतनी क्षमता वाला यह सोलर पार्क अपने तरह की अनूठी योजना है। दुबई एनर्जी एंड वॉटर अथॉरिटी (डीईडब्ल्यूए) का कहना है कि इसके बनने में बुर्ज खलीफा से तीन गुना ज्यादा समय लगेगा। 

सोलर पार्क का पहला और दूसरा फेज तैयार है। इनमें 23 लाख फोटोवोल्टिक (सोलर सेल) का इस्तेमाल हुआ है। इनकी क्षमता कुल 213 मेगावाट है। फेज तीन को बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसमें 30 लाख फोटोवोल्टिक लगेंगे। इसके पूरा होने के बाद 800 मेगावाट सौर ऊर्जा और बनाई जा सकेगी। चार फेज का काम पूरा होने के बाद ही प्लांट की क्षमता 1963 मेगावाट बिजली के उत्पादन की हो जाएगी। 

डीईडब्ल्यूए का कहना है कि अभी सोलर प्रोजेक्ट के चार चरण पूरे करने की योजना है। इसका बेस तैयार है और यह विश्व का सबसे लंबा सोलर पॉवर प्लांट बनने जा रहा है। इसका टॉवर 260 मीटर लंबा होगा। इसमें बिजली बनाने के लिए शीशों (हेलियोस्टेट्स) का इस्तेमाल होगा। सूरज की ऊर्जा से मॉल्टन साल्ट गतिशील रहेंगे। जो गर्मी पैदा होगी उससे स्टीम टरबाइन काम करेगी और उसके बाद बिजली बनाई जा सकेगी। 

इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के प्रोफेसर क्रिस्टोज मर्काइड्स का कहना है कि प्लांट में एनर्जी का स्टोर बैटरी के बजाए हीट (ऊष्मा) के तौर पर होगा। इलेक्ट्रिकल एनर्जी के स्टोर की तुलना में थर्मल एनर्जी स्टोर दस गुना सस्ता होता है। उनका कहना है कि सूरज की रोशनी न होने पर भी प्लांट बिजली का उत्पादन कर सकेगा। 

अभी चीन में है विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क
चार फेजों का काम पूरा होने के बाद ही प्लांट की क्षमता 1963 मेगावाट बिजली के उत्पादन की हो जाएगी। मोहम्मद राशिद अल मकतूम सोलर पार्क 2030 तक 5000 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा। लद्दाख का सोलर पार्क 3 हजार मेगावॉट बिजली पैदा करेगा। यह 2023 तक काम करने लगेगा। वर्तमान में चीन के निंग्शिया में स्थित टेंगर डेजर्ट सोलर पार्क दुनिया का सबसे बड़ा फोटोवोल्टिक पार्क है। इससे 1547 मेगावॉट बिजली पैदा हो रही है।

प्लांट रेगिस्तान में बन रहा है और रेत इसकी सबसे बड़ी समस्या बनने जा रही है। माड्यूल्स पर रेत जमने से प्लांट की क्षमता पर असर पड़ेगा, लेकिन ड्राई रोबोटिक क्लीनिंग सिस्टम के जरिए रेत को तुरंत साफ कर दिया जाएगा। 

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