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ईवीएम का परिवहन केवल जीपीएस लगे वाहनों में ही किया जाये "लोकसभा निर्वाचन-2019"


 

उज्जैन | अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी लोकसभा निर्वाचन श्री ऋषव गुप्ता ने अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी व नोडल अधिकारी वाहन, समस्त सहायक रिटर्निंग अधिकारी और जिला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी भी स्थिति में ईवीएम का परिवहन जीपीएस लगे वाहनों में ही किया जाये। उल्लेखनीय है कि लोकसभा निर्वाचन-2019 में आयोग के निर्देश अनुसार ऐसे सभी वाहन जिनमें ईवीएम और वीवीपेट का परिवहन किया जाना है, उन सभी वाहनों की ट्रैकिंग जीपीएस व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम डिवाइस के माध्यम से की जायेगी।
    इसमें ऐसे सभी वाहन- सेक्टर मजिस्ट्रेट, पोलिंग पार्टी को ले जाने वाले वाहन, स्थाई एवं अस्थाई रूप से निर्मित ईवीएम स्ट्रांगरूम पर तैनात ऐसे वाहन जिनमें ईवीएम को ले जाया जायेगा, उन सभी में इस कार्य के लिये रिजर्व रखे गये वाहनों में मतदान दिवस के कम से कम तीन दिन पहले अनिवार्य रूप से यह सिस्टम लगाया जायेगा। इसके लिये आयोग द्वारा वेण्डर का चयन कर लिया गया है। संस्था का नाम मेसर्स टेक्नोवेट मोबाइल रिसोर्स मैनेजमेंट प्रा.लि. इन्दौर है। उक्त संस्था के द्वारा जिला निर्वाचन कार्यालय की वाहन शाखा, नोडल अधिकारी, अपर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कार्यालय द्वारा आदेशित किये गये वाहनों पर जीपीएस लगाया जाकर आवश्यक मानव संसाधन एवं साफ्टवेयर प्रदान किया जायेगा।
    अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने समस्त सहायक रिटर्निंग अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि ईवीएम का परिवहन जीपीएस लगे वाहन से ही किया जाये। यदि किसी ऐसे वाहन में ईवीएम का परिवहन किया जाता है, जिसमें जीपीएस सिस्टम नहीं लगा है तो इसकी जिम्मेदारी सहायक रिटर्निंग अधिकारी की रहेगी। इसीलिये सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ईवीएम और वीवीपेट के परिवहन के लिये आवश्यक वाहन की जानकारी निर्धारित प्रारूप में तैयार कर जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
    उक्त कार्य के लिये सामग्री वितरण स्थल पर वाहनों में जीपीएस लगाने के लिये वेण्डर द्वारा 25 वाहनों पर एक व्यक्ति के मान से मैनपॉवर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिये सहायक रिटर्निंग आफिसर्स अपने स्तर पर प्रभारी नियुक्त कर जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रेषित करें।
    वाहनों पर जीपीएस लगाये जाने के लिये सामग्री वितरण के दिन निर्धारित प्रारूप में जानकारी तैयार की जायेगी, जो कि उक्त कार्य की मॉनीटरिंग के लिये अत्यन्त आवश्यक है। इसीलिये उक्त कार्य के लिये निर्धारित प्रारूप में जानकारी तैयार करने और वेण्डर से समन्वय के लिये आवश्यक कर्मचारी नामांकित किया जाये।
    प्रत्येक सहायक रिटर्निंग अधिकारी मतदान दिवस के एक दिन पहले निर्धारित प्रारूप में जीपीएस लगाये जाने और उसके उचित रूप से कार्य करने का प्रमाण-पत्र वेण्डर के संयुक्त हस्ताक्षर के साथ जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेंगे।
    निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान ईवीएम के परिवहन में वाहनों की खराबी या अन्य किसी कारण से वाहन में परिवर्तन होने पर जीपीएसयुक्त वाहन ही उपयोग किया जाये। गौरतलब है कि सेक्टर अधिकारियों द्वारा भी ईवीएम, वीवीपेट का परिवहन होना है। इसीलिये सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को यह निर्देश दिये गये हैं कि वे सेक्टर अधिकारियों को वाहन उपलब्ध करवाते ही उनके वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाये जाने के लिये कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
    उल्लेखनीय है कि जिला स्तर पर जीपीएस मॉनीटरिंग के लिये एक कंट्रोल रूम, मेला कार्यालय के कमांड सेन्टर में स्थापित किया जायेगा, जिसमें सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिये एक प्रतिनिधि का नाम समस्त सहायक रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्रेषित किया जाये, जो कि उक्त कार्य के लिये समन्वय के लिये रहेगा।
    अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने आरटीओ को निर्देश दिये हैं कि वे समस्त सहायक रिटर्निंग अधिकारी के साथ समन्वय कर वाहनों की आवश्यकता का आंकलन एवं वाहनों की श्रेणियां निर्धारित करेंगे। उक्त कार्य में जो जीपीएस डिवाइस उपयोग में लाया जायेगा, वह वाहन की बैटरी का उपयोग करेगा। अत: सभी वाहनों में यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
    वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाये जाने के दौरान आरटीओ समन्वय के लिये अपना एक-एक प्रतिनिधि विधानसभावार नामित करना सुनिश्चित करें। वाहनों में समय-सीमा में सिस्टम लगाये जायेंगे। साथ ही जब निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होगी तो सभी वाहनों से जीपीएस सिस्टम निकाले जायेंगे। इसीलिये परिवहन अधिकारी का यह उत्तरदायित्व होगा कि वे निश्चित समय पर वाहन उपलब्ध करवायें तथा मतदान के पश्चात जिन वाहनों को मुक्त किया जाये, उनमें यह सुनिश्चित किया जाये कि जीपीएस सिस्टम निकाल लिया गया है। उक्त कार्य वेण्डर के समन्वय के साथ सुनिश्चित किया जाये।
    अपर कलेक्टर श्री गुप्ता ने नोडल अधिकारी वाहन को निर्देश दिये हैं कि विधानसभावार वाहनों का आंकलन कर सभी सहायक रिटर्निंग अधिकारियों से निर्धारित प्रारूप में जानकारी तैयार करवाकर जिला निर्वाचन कार्यालय भेजी जाये तथा आरटीओ और सहायक रिटर्निंग अधिकारी के साथ समन्वय कर विधानसभावार सामग्री प्रदाय स्थल पर वाहन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
    अपर कलेक्टर श्री गुप्ता ने जीपीएस लगाने वाली संस्था को निर्देश कि उक्त् कार्य के लिये जिले में एक प्रतिनिधि जो जिला स्तर की गतिविधियों के लिये उत्तरदायी होगा और एक प्रतिनिधि जो कंपनी वरिष्ठ स्तर पर किसी भी समस्या के सम्बनध में समन्वय स्थापित करने के लिये उत्तरदायी रहेगा और समय-समय पर जिला स्तर पर होने वाली बैठकों में उपस्थित होगा, ऐसे दो प्रतिनिधियों की जानकारी दूरभाष के माध्यम से जिला निर्वाचन कार्यालय को भिजवाना सुनिश्चित करें।
    जीपीएस सिस्टम इंस्टॉल करने के लिये 25 वाहनों पर एक कर्मचारी तथा डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम में 8-8 घंटे की शिफ्ट में काम करने के लिये प्रत्येक शिफ्ट में एक सुपरवाइजर और दो कर्मचारियों की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय में भिजवाई जाये। संस्था जिला स्तर पर स्थापित किये गये कंट्रोल रूम में निरीक्षण कर यदि कोई तकनीकी खामी दिखाई देती हो तो अवगत कराये। सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं जिला कंट्रोल रूम में काम करने वाले कर्मचारियों की मतदान दिवस से 7 दिन पहले ट्रेनिंग आयोजित की जाये।
    जिला स्तर पर मतदान दिवस के 10 दिन पहले 10 वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाकर कंट्रोल रूम में टेस्ट रन करना सुनिश्चित किया जाये। सिस्टम में खराबी की स्थिति में उसमें सुधार करने के लिये विधानसभावार तकनीकी कर्मचारी की जानकारी भी प्रेषित की जाये। मतदान दिवस के तीन दिन के पहले जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम लगाना सुनिश्चित करें और निर्धारित प्रारूप में जानकारी उपलब्ध करायें। संस्था को निर्देश दिये गये हैं कि नियुक्त कर्मचारियों की सूची, मोबाइल नम्बर, ईमेल एड्रेस और दो फोटोग्राफ निर्धारित प्रारूप और प्रत्येक मैनपॉवर का नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
    संस्था सहायक रिटर्निंग अधिकारी और परिवहन अधिकारी से समन्वय कर डाटा सम्बन्धी जानकारी निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध कराये और उक्त जानकारी को पोर्टल पर दर्ज करे। मतदान दिवस के सात दिनों के बाद जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम का डाटा साफ्ट कापी में (डीवीडी में बर्न किया हुआ) एवं वाहनवार डाटा एसक्यूएल फार्मेट में तथा प्रत्येक वाहन की लॉग शीट भी पीडीएफ फार्मेट में प्रदाय करना सुनिश्चित करे। डाटा के साथ-साथ भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 की धारा 65वी के तहत प्रमाण-पत्र निर्धारित समय-सीमा में प्रदान करना सुनिश्चित करें। अपर कलेक्टर ने संस्था को निर्देश दिये हैं कि आरएफपी और जिला स्तर पर सौंपे गये निर्देशों का पालन करते हुए समय-सीमा में दायित्वों का निर्वहन सुनिश्चित करे। उक्त कार्य में यदि संस्था द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उसका समस्त उत्तरदायित्व संस्था का होगा।

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