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आतंकवाद को समाप्त केवल भारत के नागरिक ही कर सकते हैं


 
लोगों को जबरदस्ती भयभीत या आतंकित करना आतंकवाद- जयंत आप्टे
उज्जैन। लोगों को जबरदस्ती भयभीत या आतंकित करना आतंकवाद है। देश में पिछले 4-5 वर्षों में आतंकी घटनाएं कम हुई हैं, खासकर पूर्वोत्तर में। आतंकवाद को समाप्त केवल भारत के नागरिक ही कर सकते हैं। उनके अलावा कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता। 
उक्त बात डाॅ. हेडगेवार जन्म शताब्दी स्मृति सेवा न्यास उज्जैन द्वारा आयोजित 33वें डाॅ. हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला के समापन अवसर पर सेवा निवृत्त एयर मार्शल जयंत आप्टे इंदौर ने मुख्य वक्ता के रूप में भारत में आतंकवाद संभावित समाधान विषय पर प्रकाश डालते हुए कही। आपने पुलवामा के सभी शहीद जवानों को श्रध्दांजलि दी तथा भारत द्वारा पाकिस्तान के विरूध्द की गई एयर स्ट्राईक को हर भारतवासी को गौरवान्वित कराने वाली बात बताया। उन्होंने उरी में हुई सर्जिकल स्ट्राईक को पाकिस्तान के लिए संदेश बताते हुए कहा कि यदि भारत चाहे तो सीमा पार शत्रु की सीमा में घुसकर भी हमला कर सकता है। देश को सुरक्षित करने के लिए एक तो नेतृत्व अच्छा हो और दूसरा देश की सेना को छूट मिले। जिससे वह देश की सीमाओं को हमेशा सुरक्षित रखने में सफल हो सके। आतंकवाद को समाप्त करना मुश्किल है किंतु यदि हम अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति रखे तो आतंकवाद को हम कंट्रोल कर सकते हैं। देश को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपने देश को मजबूत बनाने के लिए जो करना पड़े वह करना चाहिये। हमारे देशवासियों को अपनी इच्छाशक्ति दृढ़ करनी होगी। अध्यक्षता कर्नल देवेन्द्रसिंह शेखावत ने की। व्याख्यानमाला में केशव अर्चना विनय पलवार ने प्रस्तुत की। अतिथि परिचय जीवनप्रकाश आर्य ने दिया। अतिथि स्वागत राजेश शर्मा एवं किशोर चंदन ने किया। व्यक्तिगत गीत नरेन्द्र मंडोरिया ने प्रस्तुत किया। संचालन पंकज तावस ने किया एवं आभार राजेश पाटीदार ने माना। कार्यक्रम का समापन वंदेमातरम गीत के साथ हुआ जिसे श्रेयस कवड़े ने प्रस्तुत किया। 

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