1 मई से होगा एसबीआई के ब्याज के नियमों में बदलाव
नई दिल्ली : अगर आपका खाता भी एसबीआई (SBI) में है तो यह खबर आपके लिए बहुत अहम है. एसबीआई की नई व्यवस्था का असर सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर पर पड़ेगा. दरअसल SBI ने अपने डिपॉजिट और लोन की ब्याज दर को RBI की बेंचमार्क दर से जोड़ दिया है. ऐसे में मई से एसबीआई सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव हो जाएगा. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने पिछले दिनों होम लोन में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. नई व्यवस्था के तहत 1 लाख से ज्यादा के जमा और लोन की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ा गया है. अब रेपो रेट चेंज होने का असर बैंक की जमा और लोन की दर पर पड़ेगा. नई व्यवस्था के तहत 1 मई से बचत खातों पर कम ब्याज मिलेगा.
1 लाख से ज्यादा पर घटेगी ब्याज दर
SBI के ग्राहकों को 1 मई से सेविंग अकाउंट पर 1 लाख रुपये तक रखने पर 3.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. अकाउंट में एक लाख से ज्यादा होने पर ब्याज की दर 3.25 प्रतिशत हो जाएगी. आपको बता दें कि एसबीआई ने 1 लाख से ज्यादा की धनराशि वाले सभी कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट को रेपो रेट से जोड़ दिया है. रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाहंट की कटौती की गई थी. इसके बाद बैंक ने नई व्यवस्था लागू की है.
ग्राहकों की शिकायत के बाद बदला नियम
पिछले दिनों ग्राहकों ने शिकायत की थी कि आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में कमी करने का फायदा ग्राहकों को नहीं मिलता. नई व्यवस्था लागू होने से अब ब्याज दर में कमी का सीधा फायदा ग्राहकों को होम लोन, कार लोन और अन्य प्रकार के लोन पर मिलेगा. साथ ही सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज दर पर भी असर पड़ेगा. एसबीआई में 1 लाख से कम के लोन और जमा मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) से जुड़े रहेंगे. ऐसे में छोटे ग्राहक बाजार में हो रही उठापटक से बचे रहेंगे. एसबीआई नई व्यवस्था में 1 मई से एक लाख रुपये से ज्यादा के सभी सेविंग अकाउंट में और शॉर्ट-टर्म लोन RBI के बेंचमार्क रेपो रेट से जोड़ दिए जाएंगे.
पहली बार हुई ऐसी व्यवस्था
हाल ही में आरबीआई ने रेपो रेट घटाकर 6 प्रतिशत किया है. रेपो रेट के आधार पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. इसके आधार पर बैंकों की पूंजी पर लागत घटती बढ़ती रहती है. दूसरी तरफ बचत खाते की दर रेपो रेट से लगभग 2.75 फीसदी कम रहेंगी. 1 लाख से ज्यादा के छोटी अवधि के लोन पर रेपो रेट से 2.25 फीसदी अधिक ब्याज होगा. ऐसा पहली बार है जब किसी बैंक ने इस तरह से बचत, छोटे कर्ज और जमा की दरों को सीधे रेपो रेट के साथ लिंक किया है.