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लॉजिस्टिक हब के लिये अनुविभागीय अधिकारी बैठकें आयोजित करें "लोकसभा निर्वाचन-2019"



अधिकारी-कर्मचारी मुख्यालय पर ही रहें, प्रतिदिन आना-जाना कतई न करें, कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा कर, सम्बन्धितों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश 
उज्जैन | कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने बृहस्पति भवन में समस्त राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर उनके न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों की समीक्षा कर निर्देश दिये कि अपने न्यायालयों में किसी भी हालत में प्रकरणों को लम्बित न रखा जाये। समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण किया जाये। समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लॉजिस्टिक हब के लिये बैठकें आयोजित करें। कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने मुख्यालयों पर अनिवार्य रूप से रहें। कोई भी अधिकारी-कर्मचारी डेली अपडाऊन नहीं करे। शिकायत मिलने पर सम्बन्धित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
एसडीएम अपने अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण करें
   कलेक्टर के द्वारा लगभग समस्त तहसील एवं उप तहसील न्यायालयों का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान न्यायालय में लम्बित प्रकरण पाये गये हैं। कलेक्टर ने हिदायत दी है कि अब भ्रमण के दौरान किसी भी न्यायालय में लम्बित प्रकरण न मिले। कलेक्टर ने समस्त राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि तहसीलदार, अपर तहसीलदार, नायब तहसीलदार के न्यायालयों का निरीक्षण कर लम्बित प्रकरणों के निराकरण करने के निर्देश समय-समय पर अधिकारियों को दिये जायें।
शासकीय भूमि समय पर आवंटित की जाये
   कलेक्टर ने बैठक में विभिन्न विभागों के द्वारा मांगी जाने वाली शासकीय भूमि के प्रकरणों की समीक्षा कर सम्बन्धितों को निर्देश दिये कि समय पर सम्बन्धित को भूमि आवंटित की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन विभागों को शासकीय भूमि आवंटित की गई है और अभी तक उन्होंने उस भूमि का उपयोग नहीं किया है और लम्बे समय से उपयोग में नहीं लिया है, उन्हें निरस्त किया जाये। समीक्षा के दौरान रेलवे विभाग को उज्जैन-फतेहाबाद रेल परिवर्तन परियोजना के अन्तर्गत फतेहाबाद, नीलकंठ एवं चिन्तामन जवासिया ग्राम में शासकीय भूमि आवंटन के प्रकरण को शीघ्र निराकृत करने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार अन्य विभागों के द्वारा विभागीय कार्य हेतु मांगी गई शासकीय भूमि के प्रकरणों को भी समय-सीमा में निराकृत किया जाये।
न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा
   बैठक में कलेक्टर ने एक अप्रैल 2019 की स्थिति तक उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय तथा अन्य न्यायालयों के अवमानना के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि हर हालत में न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण करवाने में न्यायालय द्वारा समय-समय पर मांगे गये जवाब को प्रस्तुत किया जाये। बैठक में बताया गया कि जिले में उच्चतम न्यायालय में लगभग 7 प्रकरण, उच्च न्यायालय में 127, अन्य न्यायालयों में 144 और अवमानना के 4 प्रकरण हैं।
लम्बित ऑडिट कंडिकाओं का निराकरण समय-सीमा में करें
   कलेक्टर ने विभिन्न लम्बित ऑडिट कंडिकाओं की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे उनका निराकरण समय-सीमा में अनिवार्य रूप से किया जाये। यह कार्य 15 दिनों में पूर्ण किया जाये। बैठक में लोकलेखा समिति, सीएजी आदि की लम्बित कंडिकाओं की समीक्षा की। इसी प्रकार मानव अधिकार आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, राज्य महिला आयोग, संभागायुक्त कार्यालय आदि के यहां से प्राप्त शिकायतों की भी कलेक्टर ने समीक्षा की और निर्देश दिये कि शिकायतों का निराकरण समय-सीमा में किया जाये। जिन शिकायतों के निराकरण में बाधा आ रही हो तो वे सम्बन्धित अधिकारी एवं अपने अधीनस्थों के समन्वय एवं चर्चा कर निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें।
सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट प्रतिदिन लें
   कलेक्टर ने बैठक में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने राजस्व अनुभाग क्षेत्रान्तर्गत सड़क दुर्घटना व अन्य दुर्घटना की घटना की पुलिस रिपोर्ट की जानकारी प्रतिदिन प्राप्त की जाये। ऐसे प्रकरणों में राहत के कार्य समय-सीमा में किया जाये, ताकि पीड़ित को समय पर राहत उपलब्ध हो सके। इसी तरह अपने-अपने अनुभाग में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण के प्रकरण को भी गंभीरता से लेकर उनका निराकरण किया जाये। कलेक्टर ने बॉण्ड ओवर प्रकरणों की भी समीक्षा कर निर्देश दिये कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सम्बन्धितों से बॉण्ड ओवर की कार्यवाही की जाकर प्रकरणों को समाप्त किया जाये।
   कलेक्टर ने बैठक में भू-अभिलेख शाखा में अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रकरणों, विभागीय जांच, अनुकंपा नियुक्ति, लोकायुक्त, भू-अर्जन, नजूल, संस्कृति, लोक सेवा, नाजीर, लेखा, भाड़ा नियंत्रण आदि शाखाओं से सम्बन्धित प्रकरणों की भी समीक्षा की और सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में अपर कलेक्टर एवं निर्वाचन नोडल श्री ऋषव गुप्ता, एडीएम श्री आरपी तिवारी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश पारिख तथा समस्त राजस्व अनुभागों के अनुविभागीय अधिकारी तथा तहसीलदार, नायब तहसीलदार आदि उपस्थित थे।
निर्वाचन कार्य की अधिकारियों ने दी परीक्षा
    राजस्व अधिकारियों की बैठक के अन्त में अपर कलेक्टर एवं निर्वाचन के नोडल अधिकारी श्री ऋषव गुप्ता ने निर्वाचन कार्य से जुड़े राजस्व अधिकारियों के सामान्य ज्ञान हेतु लिखित में 45 मिनिट का परीक्षण प्रश्नपत्र देकर लिखित में परीक्षा ली। परीक्षण प्रश्नपत्र में कुल 30 प्रश्न दिये गये थे। प्रश्न क्रमांक-1 से 19 तक बहुविकल्पीय प्रश्न और 20 से 30 तक प्रश्न का उत्तर देने हेतु उपलब्ध कराया था। परीक्षण प्रश्नपत्र देने वालों में लगभग 28 राजस्व अधिकारी उपस्थित थे। उदाहरण के लिये अधिकारियों से परीक्षण प्रश्नपत्र में पूछा कि लोकसभा निर्वाचन हेतु एससी/एसटी के अभ्यर्थियों को जमानत राशि में कितनी छूट दी जाती है तथा अभ्यर्थियों के अपराधिक कृत्य से सम्बन्धित जानकारी के प्रकाशन/प्रसारण हेतु निर्धारित प्रारूप कौन-से हैं? इसी तरह अधिकारियों से परीक्षण प्रश्नपत्र में पूछा गया कि वास्तविक मतदान के दौरान कंट्रोल यूनिट खराब हो जाने पर क्या बदला जायेगा, मॉकपोल पर्चियों को संधारित करने के लिये आवश्यक सामग्री का कौन-सा युग्म सही है? इसी प्रकार परीक्षण प्रश्नपत्र में कुछ प्रश्न लिखित में भी पूछे गये थे जैसे- अंधे अथवा शिथिलांग मतदाता के सहायक को व प्रॉक्सी वोटर को अमिट स्याही कहां लगाई जाती है, फार्म ए और फार्म बी अभ्यर्थी द्वारा किस तिथि एवं समय तक जमा किये जा सकते हैं।
    परीक्षा उपरान्त अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने अधिकारियों से परीक्षण प्रश्नपत्र के मौखिक प्रश्नोत्तर पूछे, जिनका अधिकारियों ने संतोषजनक उत्तर दिया और किसी ने असंतोषजनक उत्तर देने पर उनसे कहा गया कि वे और अच्छे से आयोग के दिशा-निर्देशों का अध्ययन किया जाये। निर्वाचन के कार्य में किसी भी प्रकार की चूक न होनी चाहिये। उन्हें निर्वाचन की सम्पूर्ण प्रक्रिया को सब मिलजुलकर एवं समय पर आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए पूर्ण कराना है।

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