350 आराधक आज से करेंगे नवपद ओलीजी की आराधना
रोज होगी विशिष्ट धार्मिक क्रिया, निश्रा प्रदान करने मुनि व साध्वी मंडल का हुआ मंगल प्रवेश-कांच के जैन मंदिर से निकला प्रवेश सामैया
उज्जैन। राजा श्रीपाल एवं मैना सुंदरी की तपस्थली उज्जयिनी में 9 दिवसीय शाश्वत ओली जी तप आराधना आज गुरूवार से शुरू होगी। खाराकुआं स्थित श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी ट्रस्ट मंदिर पर मध्य प्रदेश गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित अन्य शहरों के 350 आराधक 9 दिनों तक यह आराधना करेंगे। नवकार मंत्र के हर पद के अनुसार 9 दिनों तक आराधक प्रतिदिन सुबह 3 घंटे की विशिष्ट धार्मिक क्रिया करेंगे।
श्वेतांबर जैन समाज में उज्जैन आकर यह तप करने का विशिष्ट महत्व है। आराधना में निश्रा प्रदान करने आचार्य विश्वरत्न सागर जी के शिष्य मुनी कीर्तिरत्न सागर जी, मुनी उत्तमरत्न सागर एवं साध्वी पद्मलता श्रीजी आदि ठाणा का मंगल प्रवेश बुधवार सुबह 8ः30 बजे दौलत गंज स्थित कांच के जैन मंदिर से प्रवेश सामैया निकला जो सखीपुरा, इंदौरगेट, दौलतगंज, फव्वारा चैक होते हुए खाराकुआ पेढ़ी मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुआ। पैढ़ी ट्रस्ट अध्यक्ष महेंद्र सिरोलिया व सचिव जयंतीलाल तेलवाला के अनुसार ओलीजी में आराधना में 350 आराधक 9 दिनों तक एक बैठक में उबला हुआ भोजन व एक ही धान से बना भोजन कर आयंबिल तप करेंगे। इस ओलीजी तप के मुख्य लाभार्थी बलराज केवलचंद संघवी परिवार रानीवाड़ाखुर्द राजस्थान हैं। जैन मान्यता अनुसार खाराकुआ तीर्थ पर ही श्रीपाल राजा एवं मैना सुंदरी ने इस आराधना को कर अपने व प्रजा के कुष्ठ रोग को दूर किया था। अन्य शहरों से आने वाले आराधको के ठहरने की व्यवस्था नई पेठ स्थित रंगमहल व मोती महल धर्मशाला में की गई है।