जीवन में गुरू आवश्यक है- पं. सुधीर पंड्या
उज्जैन। मानस भवन क्षीरसागर पर नौ दिवसीय श्रीराम कथा में मानस वक्ता पं. सुधीर पंड्या ने कहा जीवन में गुरू होना आवश्यक है। गुरू ही देव के दर्शन करा सकते हैं। मंगलाचरण करने की परंपरा क्यों है जिसका जीवन मंगल हो उसका ही मंगलाचरण होता है।
कथा में शिव विवाह का गान बड़े धूमधाम से किया गया। नवसंवत्सर के प्रारंभ में समस्त पुरूषार्थ सिध्दि के लिए दुर्गा पूजन नौ दिनों किया जाता है। उसके पश्चात ही रामनवमी को श्रीराम चंद्र का जन्म प्रसंग होता है। भगवान शिव ही ऐसे हैं जो मान सम्मान को महत्व नहीं देते। वह सरल दयालू हैं जो चढ़ा दो उसे मान कर लेते हैं। सद्गुरू हमारे पास है तो भगवान के दर्शन करा देते हैं। ज्ञान लेना है तो विनम्र भाव होगा तो उतना ही ज्ञान तुरंत मिलता है। कथा श्रवण करने वाला भक्त बड़ा होता है, वक्ता बड़ा नहीं होता। भगवान भक्तों की आवाज सुनकर साकार रूप में आते हैं। दोपहर में 3 से 6.30 बजे संगीतमयी श्रीराम कथा मानस भवन क्षीरसागर पर चल रही है। कथा प्रारंभ में श्रीराम दरबार की पूजा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमृतलाल अमृत, दिनेश सुखनंदन जोशी, पं. संजय व्यास, मनमोहन मंत्री, राधेश्याम पाटीदार, पं. संतोष शर्मा, अमित मंत्री द्वारा की गई।