आर्य समाज उज्जैन ने मनाया स्थापना दिवस
वैदिक मन्त्रो के उद्घोष व शंखध्वनि के साथ नगर के प्रमुख मार्गो से आर्यजनो ने निकाली प्रभात फ़ेरी
नव जागरण का पर्व है नव संवत्सर-पं. व्यास
उज्जैन। चेत्र शुक्ल प्रतिपदा नव संवत्सर का पर्व ऋषियो की परंपरा का पर्व है न केवल प्रकृति बल्कि सनातन संस्कृति का यह पर्व हमारे गौरवमयी इतिहास का परिचायक है।
उक्त विचार पं. राजेन्द्र व्यास ने आर्य समाज उज्जैन में स्थापना दिवस पर व्यक्त किये। इसके पूर्व वैदिक मन्त्रो के उदघोष व शंखध्वनि के साथ नगर के प्रमुख मार्गो से आर्यजनो ने प्रभात फ़ेरी निकाली जो आर्य समाज पहुंच कर ओम ध्वजा रोहण के साथ समाप्त हुई। इसके साथ ही दिल्ली के आचार्य प्रतीक शास्त्री द्वारा विशेष वेदमन्त्रो से हवन करवाया गया। मुख्य कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह मे पुलिस उप अधीक्षक सन्दीप रुहल उपस्थित थे। विशेष अतिथि स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी अमृतजी ने नव संवत्सर को भारतीयता व आर्यो का पर्व बताया। वैदिक विद्वान जीवन प्रकाश भावसार ने कहा कि आज नव संकल्प का पर्व है हमें आत्म उन्नति हेतु आत्म मुल्यांकन करना चाहिए। पूर्व प्रधान बीएल पण्डया ने वेद मन्त्र की व्याख्या की। महाकाल मन्दिर के पुरोहित सुरेन्द्र शर्मा ने सूर्य सिद्धांत अनुसार वर्तमान संवत्सर को परिधावी संवत्सर बताया। उप प्रधान जितेश बत्रा ने प्रतियोगिता मे विजयी बच्चों को पुरुस्कार प्रदान किये। प्रधान डॉ. मणीन्द्र व्यास व आर्य प्रवक्ता सुखदेव व्यास द्वारा सभी वरिष्ठ सदस्यों का मोतियों की माला पहनाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री संजय सोनी ने किया एवं आभार मीनू व्यास ने माना। वैदिक जयघोष व शान्ति पाठ व ऋषि लंगर के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।