शकारि वीर विक्रम के सच्चे वारिस बनो - आचार्य सत्यम्
उज्जैन। मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम् ने विक्रम सम्वत् प्रतिपदा के अवसर पर देशवासियों को शुभ कामनाएँ देकर आव्हान किया कि हमारे महान् देश और भारतीय संस्कृति के आदर्शों जिनमें विश्वबंधुत्व प्रमुख है, की विरासत की रक्षा का संकल्प हमें लेना होगा। मात्र प्रदूषित नदियों के तटों पर भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर नववर्षाभिनंदन की नौटंकी करना व्यर्थ है और भारतीय न्याय के आदर्श महान प्रजापालक सम्राट शकारि विक्रमादित्य का नाम जपना और उनकी कर्मभूमि के निवासी होने का थोता अभिमान वर्तमान शर्मनाक राष्ट्रीय परिदृष्य से मुक्ति का मार्ग नहीं है। जिस नगरी में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और माता हरसिद्धी महालय, मोक्षदायिनी शिप्रा तथा उसके सहोदर सप्तसागरों और नगरी के सभी जलतीर्थो का अस्तित्व संकट में हो, तो यहां के वासियों को जो देवी अहिल्या और चामुण्डा की नगरी के वासियों का मलमूत्र पान करने के आदि हो चुके हैं, उन्हें शकारि विक्रम का वारिस कहलाने का भी अधिकार नहीं हैं।
वक्तव्य में बताया गया है कि जब रूद्र का सागर, कोटितीर्थ और मोक्षदायिनी भी प्रदूषित हो और विक्रम युग से सिंधिया युग तक जारी रहा उज्जयिनी की विश्वप्रसिद्ध विरासत का संरक्षण स्वतंत्र भारत के भ्रष्ट शासकों, जन प्रतिनिधियों और नोकरशाहों के चलते उनके विनाश में परिवर्तित हो चुका हो तो हमें निश्चय ही अपने नाकारापन पर आत्मग्लानि होना चाहिये। जो राष्ट्र और उसके नागरिक अपने पूर्वजों और इतिहास को नकारते हैं, उनका कोई भविष्य नहीं होता है, यह ऐतिहासिक सत्य है। इसलिये यदि हम अपनी और देश की वर्तमान दुर्दशा से उबरना चाहते हैं और अपनी भावी पीढ़ियों के सामने कलंकित होना नहीं चाहते हैं तो हमें विश्व में विश्वबंधुत्व तथा वसुधैव कुटुम्बकम् की पताका फहराने वाले विक्रमादित्य का अनुसरण कर उनके सच्चे वारिस बनने का संकल्प लेना होगा।
आचार्य सत्यम् ने आव्हान किया कि भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध रहे अवंति जनपद (मालव अंचल) के निवासियों को उज्जयिनी और मालवा की विश्व प्रसिद्ध विरासत की रक्षा का संकल्प लेना होगा। यह हमारा पुनीत कर्तव्य है कि विश्व के सबसे बड़े कथित लोकतंत्र के निवासी होने के नाते हम अपने महान पूर्वजों और शहीदों के सपनों का भारत बनाने के लिए संकल्पबद्ध होकर आगे बढ़ें। अन्यथा राष्ट्रकवि की चेतावनी याद रखें ’’जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध’’।