अस्पृश्यता जैसी कुरीतियों का समाधान संस्कारों से संभव- भैयाजी जोशी
डॉ. हेडगेवार जन्म शताब्दी स्मृति सेवा न्यास आराधना भवन का हुआ लोकार्पण
उज्जैन। सारे बीज में वृक्ष बनने का सामर्थ्य नहीं होता परंतु संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार अपने जैसे अनेक कार्यकर्ता बनाए और आज भी अनेक कार्यकर्ता डॉ. हेडगेवार बन राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं।
उक्त बात डॉ. हेडगेवार जन्म शताब्दी स्मृति सेवा न्यास आराधना भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भैयाजी जोशी सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने उद्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि संघ स्थापना वर्ष 1925 से वर्तमान तक पूरा दृश्य बदल रहा है और अपने आप को हिंदू कहलाने में संकोच करने वाला आम व्यक्ति भी आज अपने आप को गर्व से हिंदू कहता है। आपने कहा कि अपने समाज की अस्पृश्यता जैसी कुरीति का समाधान भी हमको ही निकालना है और इस दिशा में संस्कार, जागरण, प्रबोधन के चलते बड़ा रचनात्मक परिवर्तन दिख रहा है। संविधान, आंदोलन, संघर्ष से कदापि संभव नहीं है। आज संपूर्ण विश्व भारत की ओर हिंदुत्व जीवन पध्दति को अपनाकर धर्म और शांति स्थापना हेतु हमारे समाज को आशा भरी दृष्टि से देख रहा है। हम सभी विश्व बंधुत्व के भाव को स्वीकार कर देशभक्ति का परिचय देकर अपने देश को जग सिरमोर बनाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अशोक सोहनी क्षेत्र संघचालक मध्यक्षेत्र राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उज्जैन में प्रारंभिक काल के कार्यालय स्थानों का उल्लेख करते हुए बताया कि कार्यालय सदैव प्रेरणा और उर्जा के केन्द्र रहे हैं और समय-समय पर आवश्यकतानुसार इसमें परिवर्तन हुए हैं। कार्यक्रम का प्रारंभ लोकार्पण, मंगलाचरण के साथ हुआ। पश्चात मंचीय कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन एवं पुष्पांजलि किया गया। अतिथियों के परिचय के पश्चात न्यास के सदस्यों ने शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर भैयाजी जोशी का अभिनंदन किया। सरदारपुरा में संपन्न समारोह में कार्यक्रम की भूमिका न्यास अध्यक्ष उल्लास वैद्य ने रखी। संचालन सचिव पारस गेहलोत ने किया एवं आभार कोषाध्यक्ष अमोल जोशी ने माना।