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इस बार प्रत्येक मतदान केन्द्र पर झूलाघर एवं स्वास्थ्यकर्मी



मतदाताओं को मतदान केन्द्र पर मिलेंगी हर आवश्यक सुविधाएं, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने निर्वाचन कार्यों की की समीक्षा 
उज्जैन | निर्वाचन आयोग द्वारा शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने तथा मतदाताओं को मतदान केन्द्रों पर आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस बार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। हर मतदान केन्द्र पर छाया, पेयजल, शौचालय, रैम्प आदि व्यवस्थाओं के साथ ही इस बार झूलाघर बनाए जाने एवं प्रत्येक मतदान केन्द्र पर स्वास्थ्यकर्मी समस्त आवश्यक दवाईयों के साथ रखे जाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
   कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शशांक मिश्र की अध्यक्षता में आज गुरूवार को बृहस्पति भवन में समपन्न निर्वाचन के नोडल अधिकारियों की बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक का संचालन निर्वाचन नोडल अधिकारी एवं अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता द्वारा किया गया। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री नीलेश पारिख, एडीएम श्री आरपी तिवारी तथा निर्वाचन के लिए नियुक्त सभी नोडल अधिकारी एवं सहायक नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
एएमएफ सुनिश्चित करें
   बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि प्रत्येक मतदान केन्द्र पर ए.एम.एफ. (एश्योर्ड मिनीमम फेसिलिटिज) सुनिश्चित की जाएं। इसके अन्तर्गत प्रत्येक मतदान केन्द्र पर रैम्प, स्वच्छ शीतल पेयजल, आवश्यकता अनुसार फर्नीचर, मतदान केन्द्र के बाहर मतदाता हैल्पडेस्क, महिला एवं पुरूषों के लिये पृथक-पृथक शौचालय, झूलाघर, मतदान केन्द्र के अन्दर एवं बाहर समुचित प्रकाश व्यवस्था, मतदान केन्द्र के बाहर कम से कम 15 गुणा 15 आकार का शेड, कुर्सियां, बैंचेस, मतदानकर्मियों के लिए भोजन की व्यवस्था, मतदान केन्द्र के बाहर प्रत्याशियों की जानकारी एवं मतदान के लिए वैकल्पिक दस्तावेजों की सूची सम्बन्धी फ्लेक्स आदि सुनिश्चित किए जाएं।
मतदान के लिए लगेंगी 3 लाइन
    अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मतदान के लिए महिला, पुरूष एवं दिव्यांग/वृद्ध/गर्भवती-धात्री माताओं के लिए पृथक-पृथक लाइनें लगाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। प्राथमिकता के क्रम में सर्वप्रथम दिव्यांग/वृद्ध/गर्भवती-धात्री माताओं की लाइन से, फिर महिलाओं की लाइन से तथा उसके पश्चात पुरूषों की लाइन से बारी-बारी से मतदान करवाया जाएगा।
18 वर्ष से कम उम्र के वॉलेंटियर्स
   मतदान केन्द्रों पर दिव्यांग, वृद्ध आदि मतदाताओं को अन्दर ले जाने तथा अन्य सहायता के लिए इस बार मतदान केन्द्रों पर 18 वर्ष से कम उम्र के युवक-युवती स्वेच्छा से सेवा देंगे। इनमें एनसीसी, एनएसएस, स्काऊट आदि की छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि सेवा देने वाले छात्र-छात्राएं 8वी कक्षा से निचली कक्षा के न हों।
मतदाता जागरूकता गतिविधियां तेज करें
   कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने निर्देश दिए कि जिले में मतदाता जागरूकता गतिविधियों को तेज किया जाए। नगरीय निकाय कचरा गाड़ियों पर बजने वाले गाने में मतदान की आवश्यकता बताएं। शासकीय कर्मचारियों की मोबाइल्स आदि की रिंगटोन मतदान से सम्बन्धित हो। सभी मंडियों, सोसाइटीज में ईवीएम जागरूकता के लिए उनका प्रदर्शन किया जाए।
सुदृढ़ हो कम्युनिकेशन प्लान
   कलेक्टर ने निर्देश दिए कि निर्वाचन के सम्बन्ध में तैयार किया जा रहा कम्युनिकेशन प्लान सुदृढ़ होना चाहिए। जिले के हर कोने से निर्वाचन सम्बन्धी जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए यह आवश्यक है कि जिन स्थानों पर जो मोबाइल नेटवर्क कार्य कर रहे हों, उनकी सिम निर्वाचनकर्मियों के पास हो। उसकी सूची शीघ्र तैयार की जाए तथा निर्वाचन कंट्रोल रूम से फोन लगाकर चैक भी किया जाए।
निर्वाचन शिकायतों का हो त्वरित निराकरण
   कलेक्टर ने निर्वाचन शिकायतों का त्वरित निराकरण किए जाने के निर्देश दिए। सी-विजिल पर प्राप्त शिकायतों का 100 मिनिट के अन्दर तथा एनजीएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का 24 घंटे के अन्दर निराकरण किया जाए। ‘सुविधा एप’ के अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों का एआरओ स्तर से ही निराकरण होना चाहिए। प्रत्याशियों आदि को निर्वाचन सम्बन्धी कार्य के लिए दूसरी जगह जाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
जिस गाड़ी में ईवीएम, उसमें जीपीएस
   अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने बताया कि निर्वाचन सम्बन्धी कार्य के लिए इस्तेमाल की जाने वाले प्रत्येक वाहन, जिसमें ईवीएम ले जाई जाएगी, उसमें अनिवार्य रूप से जीपीएस सिस्टम लगाया जा रहा है। इससे उनकी लोकेशन निरन्तर पता चलती रहेगी। उन्होंने सभी मतदान केन्द्रों के रूट के नक्शे तैयार किए जाने के निर्देश सम्बन्धित नोडल अधिकारी को दिए। प्रत्येक मतदान केन्द्र के अलावा प्रत्येक एफएसटी, एसएसटी, वीएसटी को भी मेडिकल किट दिलवाए जाने के निर्देश दिए गए।
सैक्टर अधिकारियों को हो ईवीएम की पूरी जानकारी
   उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती शैली कनाश ने बताया कि सैक्टर अधिकारी प्रशिक्षणों में तो आते हैं, परन्तु उन्हें ईवीएम आदि की समुचित जानकारी नहीं होती। इस पर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि प्रत्येक सैक्टर अधिकारी को स्वयं ईवीएम चलाकर देखना चाहिए तथा उन्हें उनके निर्वाचन कर्तव्यों के सम्बन्ध में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों द्वारा दी गई जानकारी को अच्छी तरह समझा गया है अथवा नहीं, इसके लिए टैस्ट भी आयोजित होना चाहिए।      

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