आदेश को चेलेंज करने की अधिकारिता प्राप्त नहीं, याचिकाकर्ताओं की याचिका हुई निरस्त
उज्जैन। सहकारी आंदोलन में किसानों को खाद, बीज एवं कृषि संबंधी अन्य ऋण सुविधा उपलब्ध कराने में प्रत्येक जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का महत्वपूर्ण योगदान होता है। मध्यप्रदेश शासन के सहकारिता विभाग ने प्रदेश के 35 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के संचालक मंडलों को गंभीर आर्थिक अनियमितता तथा संस्थागत रूप से ओवरड्यू होने के कारण उनके संचालक मंडलों को भंग किया है। उच्च न्यायालय जबलपुर, ग्वालियर तथा इंदौर बेचों में विभिन्न जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के हटाये गये संचालक मंडल के पदाधिकारियों ने सहकारिता विभाग के आदेश को निरस्त करने के लिए याचिकाएं प्रस्तुत की थी। लेकिन याचिकाकर्ताओं को आदेश दिनांक 21 फरवरी 2019 को चेलेंज करने की अधिकारिता प्राप्त नहीं होने पर न्यायालय नेयाचिकाकर्ताओं की याचिका निरस्त की जाती है।
शहर कांग्रेस कमेटी उज्जैन उत्तर विधानसभा प्रवक्ता एवं अधिवक्ता पं. राजेश व्यास ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि उज्जैन संभाग के मंदसौर, शाजापुर, तथा रतलाम के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के संचालक मंडलों को भी संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग ने 21 फरवरी 2019 को पारित आदेश के माध्यम से पदाधिकारियों द्वारा प्रतिनिधित्व की जा रही विभिन्न प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं के 12 मास से अधिक की कालावधि के लिए व्यतिक्रमी होने के कारण भंग कर प्रशासक की नियुक्ति कर दी थी। इसी प्रकार उक्त बैंकों के हटाये गये पदाधिकारियों द्वारा भी उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष याचिकाएं प्रस्तुत की थीं जिसमें उक्त आदेश के विरूध्द याचिकाकर्ताओं द्वारा स्थगन प्रदान किये जाने की भी मांग की थी। आईपीसी बैंक इंदौर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खंडवा, जिला सहकारी बैंक खरगोन, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक धार, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक झाबुआ के हटाये गये पदाधिकारियों द्वारा भी उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष याचिकाएं प्रस्तुत की गई थी। संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाजापुर एवं मंदसौर की ओर से उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष केवीयट आवेदन पत्र पं. राजेश व्यास अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत किये थे।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग द्वारा पारित आदेश 21 फरवरी 2019 को इस आधार पर निरस्त करने की मांग की थी कि उन्हें प्राकृतिक न्याय के सिध्दांतों के अनुरूप सुनवाई का अवसर प्रदान नहीं किया गया है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि वे व्यक्तिगत रूप से किसी ऋण या अग्रीम लिये गये राशि के पेटे 12 माह से अधिक कालावधी के लिए व्यतिक्रमी नहीं हैं। इसलिए संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन का आदेश 21 फरवरी 2019 निरस्त किया जावे तथा हटाये गये पदाधिकारियों को पुनः कार्यभार सौंपा जावे।
याचिकाकर्ताओं की याचिका का विरोध करते हुए संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित मंदसौर एवं शाजापुर की ओर से अधिवक्ता पं. राजेश व्यास ने पक्ष रखते हुए कहा कि संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन द्वारा पारित आदेश विधि की दृष्टि में पूर्णतः वैध है, याचिकाकर्ताओं की संस्थाएं 12 माह से अधिक की कालावधि के लिए अपने द्वारा लिये गये ऋण के प्रति व्यतिक्रमी है। म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 48एए(1) के प्रावधान याचिकाकर्ताओं के प्रकरण पर लागू नहीं होते हैं, उक्त प्रावधान व्यक्तिगत रूप से लिये गये ऋण के पेटे व्यतिक्रमी व्यक्तियों पर ही लागू होते हैं। जबकि याचिकाकर्ताओं को उनके द्वारा प्रतिनिधित्व की जा रही प्राथमिक कृषि संस्थाओं के 12 माह से अधिक कालावधि के लिए व्यतिक्रम होने से हटाया है। याचिकाकर्ताओं को याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है। याचिका प्रस्तुत करने की अधिकारिता प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाओं को प्राप्त हैं ऐसी दशा में अनाधिकृत (हटाये गये पदाधिकारी/संचालक मंडल) व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत की गयी याचिका प्रचलन योग्य नहीं है। उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के न्यायाधीपति विवेक रूसिया द्वारा दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग उज्जैन तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मंदसौर एवं शाजापुर की ओर से अधिवक्ता पं. राजेश व्यास के तर्को से सहमत होते हुए इस आधार पर याचिकाकर्ताओं की याचिका निरस्त की है कि ‘याचिकाकर्ताओं को आदेश दिनांक 21 फरवरी 2019 को चेलेंज करने की अधिकारिता प्राप्त नहीं है इसलिए याचिकाकर्ताओं की याचिका निरस्त की जाती है। इस निर्णय के आधार प्रदेशभर में विचाराधीन याचिकाओं का निपटारा उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के डब्ल्यू पी नं.4096/2019 तथा 4103/2019 में पारित आदेश दिनांक 26.03.2019 के प्रकाश में किया जा सकेगा। पत्रकारवार्ता में पं. राजेश व्यास के साथ पूर्व विधायक राजेंद्र भारती, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेश सोनी, पूर्व अध्यक्ष अनंतनारायण मीणा, पुरुषोत्तम नागराज, आजम शेख भी मौजूद थे।