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इतना पैसा सरकारी खाते में क्यों रखा है, भुगतान नहीं किया या काम नहीं किया?



संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने किया जिला पंचायत का रोस्टर निरीक्षण 
उज्जैन | मध्याह्न भोजन के 6 करोड़ 63 लाख रुपये, किचन शेड निर्माण के 3 करोड़ 29 लाख रुपये, आंगनवाड़ी भवन निर्माण के 76 लाख रुपये तथा इसके अलावा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना आदि के पैसे भी शासकीय खाते में रखे हैं। कार्य का भुगतान नहीं किया गया अथवा कार्य नहीं किया गया?
    संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने आज शनिवार को जिला पंचायत के रोस्टर निरीक्षण के दौरान जब यह प्रश्न वहां के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बीएस मण्डलोई से किया तो वे संतुष्टिदायक उत्तर नहीं दे पाए। इस पर संभागायुक्त द्वारा उनको कारण बताओ नोटिस दिए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही निर्देश दिए गए कि जिन योजनाओं के अन्तर्गत भुगतान शेष है, तुरन्त सम्बन्धितों को किए जाएं तथा आगामी वर्ष में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि विभिन्न शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत शासन द्वारा दिए गए लक्ष्यों के अनुरूप समय पर क्रियान्वयन हो। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश पारिख, उपायुक्त राजस्व श्री पवन जैन तथा अन्य सम्बन्धित मौजूद थे।

गैलरी में कांच क्यों लगा रखे हैं?
    निरीक्षण की शुरूआत में संभागायुक्त द्वारा जिला पंचायत के पुन: नवीनीकृत किए जा रहे भवन का अवलोकन किया। उन्होंने पूछा कि प्रवेश द्वार के समीप गैलरी में कांच क्यों लगाए गए हैं, इनसे किसी के टकराने एवं दुर्घटना की आशंका है। उन्होंने प्रवेश द्वार पर रैम्प बनाए जाने के निर्देश दिए। कार्यालय भवन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने खिड़कियों आदि में सुरक्षा की दृष्टि से ग्रिल लगाए जाने के निर्देश दिए। आवक-जावक शाखा में लटक रहे तारों को भी व्यवस्थित कराए जाने के निर्देश दिए।

परियोजना अधिकारी को शोकाज नोटिस
     जिला पंचायत में धारा 40 के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा में संभागायुक्त ने अभी तक की गई कार्रवाई को संतोषजनक नहीं माना। उन्होंने कार्य में लापरवाही एवं विलम्ब किए जाने पर परियोजना अधिकारी श्रीमती कीर्ति मिश्रा को कारण बताओ सूचना पत्र दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने घट्टिया के वर्ष 2015 के एक प्रकरण में मार्च 2019 में कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही सख्त निर्देश दिए कि न्यायालयीन प्रकरणों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मनरेगा में प्रगति कम है
    संभागायुक्त ने महात्मा गांधी नरेगा योजना की समीक्षा में पाया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लक्ष्यपूर्ति कम रही है। इस वर्ष शासन द्वारा निर्धारित 88 करोड़ के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 67 करोड़ रुपये वित्तीय लक्ष्य की ही पूर्ति की गई है। इस पर उन्होंने सम्बन्धित को कार्य में सुधार लाने के लिए कहा।

ऑडिट आपत्तियों का निराकरण करें
    संभागायुक्त ने लम्बित सभी ऑडिट आपत्तियों के निराकरण के निर्देश सीईओ जिला पंचायत को दिए। उन्होंने पाया कि वर्ष 1976-77, 1979-80 तक की कुछ ऑडिट आपत्तियां निराकरण के लिए शेष हैं। इन्हें तुरन्त निराकृत किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों की भ्रमण डायरी तैयार करने, अधिकारी-कर्मचारियों की पदक्रम सूची जारी करने तथा विभागीय जांच के प्रकरणों को शीघ्र निराकृत किए जाने के भी निर्देश सम्बन्धितों को दिए।

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