एसपी को बॉलीवुड के बादशाह, कलेक्टर को आधुनिक तानसेन की बजरबट्टू उपाधि अनिल फिरोजिया की उड़ कर लग गई-, पारस जैन महा बजरबट्टू, मोहन यादव जीत कर भी हार गए
ठंडे पानी से भरी बाल्टियों से हुआ अतिथि सत्कार
उज्जैन। एसपी सचिन अतुलकर (बॉलीवुड के बादशाह) कलेक्टर शशांक मिश्रा (आधुनिक तानसेन), अनिल फिरोजिया (उड़ कर लग गई), विधायक पारस जैन (महा बजरबट्टू), विधायक मोहन यादव (जीत कर भी हार गए), राजेन्द्र वशिष्ठ (हमे तो अपनो ने लूटा), जयसिंह दरबार (ना घर के रहे ना घाट के), चिंतामन मालवीय (जवानी ले डूबी), प्रेमचंद गुड्डू (अब कौन पूछेगा), बटुक शंकर जोशी (समय बदल गया), राजेन्द्र भारती (वानप्रस्थ आश्रम की और अग्रसर)।
उक्त होली की बजरबट्टू उपाधियां रंगपंचमी पर टॉवर चौपाटी पर आयोजित ‘रंगपंचमी के रंग ठहाका परिवार के संग’ में अंतरराष्ट्रीय ठहाका सम्मेलन के संस्थापक डॉ. महेन्द्र यादव ने शहर की नामचीन हस्तियों, पत्रकारों, राजनीतिक व्यक्तियों के साथ उद्योगपतियों, प्रशासनिक अधिकारियों को प्रदान की। पारिवारिक माहौल में आयोजित रंगपंचमी महोत्सव में ढोल-नगाड़ों के साथ डीजे की धुन पर बच्चे, युवा, बुजुर्ग हर कोई नृत्य मुद्रा में नजर आया। महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं मोहल्लों एवं कालोनियों में रंग खेलने के बाद समूह एवं टोलियों में महिलाए सीधे टॉवर चौपाटी पर आई। सुबह से दोपहर तक खचाखच भरे माहौल में लोगों ने रंगपंचमी का आनंद लिया। आयोजक डॉ. महेन्द्र यादव ने ठण्डे पानी से भरी बाल्टियों से अथितियों का स्वागत किया। वहीं दूसरी और सपना सेन, सपना निगम, सिया ठाकुर, सुनीता यादव, मनीषा चौहान, रश्मि चौहान आगन्तुको को शर्बत, नमकीन छाछ एवं ठंडाई पिला रही थीं। सामाजिक संस्था ठहाका सम्मेलन परिवार द्वारा शहर के ह्दय स्थल फ्रीगंज टावर चौपाटी पर आयोजित पारिवारिक आयोजन रंगपंचमी महोत्सव में सम्पूर्ण शहर ने उपस्थिति दर्ज कराई। हँसी ठिठोली के साथ स्वल्पाहार एवं ठण्डाई वितरित की गई। हँसी ठहाको की महफ़िल में अंतरराष्ट्रीय कवि अशोक भाटी ने अपनी रचनाओं से गुदगुदाया, शैलेन्द्र व्यास स्वामी मुस्कुराके ने घोड़ी पर बैठकर डांस किया। उनकी नृत्य मुद्रा पर दर्शक ठहाके लगाने से खुद को रोक न सके। इस दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष विशाल हाड़ा (सबका साथ सबका विकास), सिटी प्रेस क्लब मुख्य संगठक शेलेन्द्र कुल्मी (हम साथ साथ है), अभय तिरवार (टाइगर अभी जिंदा हैं), उदय चंदेल (मेरा नम्बर कब आएगा), जय कौशल (मिमिक्री का बादशाह), प्रमोद व्यास (पूरे घर के बदल डालूंगा), रिम्पी भदौरिया (राजा रामचंद्र की जय) सहित अन्य को उपाधियां प्रदान की। गीत, संगीत, डीजे की धुन, ढोल नगाड़ों के बीच हास्य कवि एवं मिमिक्री कलाकारों ने बारी बारी से सबको हंसाया। शहरवासियों की मांग पर ठहाका सम्मेलन परिवार द्वारा पहली बार रंगपंचमी पर एक सार्थक पहल की गई जिसमें डीजे, डांस, रंग से सराबोर कड़ाव, गुलाल के साथ रंगपंचमी खेली गई एवं हँसी ठहाको की महफ़िल भी आयोजित की गई। आयोजन में प्रमुख रूप से रवि राय, हरिसिंह यादव, ललित लुल्ला, मक़सूद अली, अजितसिंह ठाकुर, महेश सितलानी, प्रदीप सूद, विजय निगम, राजेश यादव, हरिसिंह यादव, ललित लुल्ला, ओंकार यादव, राजेश गोठवाल, सफदर बेग, मुनव्वर बेग, हनुमान शर्मा, सत्यार्थ तिवारी, सलीम भाई, मनोज तारानी, गोविंद, महावीर जैन, आशीष खंडेलवाल, शिवम, संजय शर्मा, बिहारी मेहरा, अब्दुद कादिर, गगन सरिन, जितेन्द्र जोशी, अमित नीमा, महेन्द्र सेन, रोहित शर्मा, मनोहर परमार, आशीष खंडेलवाल, ममता बैंडवाल, ललिता द्रोणावत, संगीता धनेरिया, सपना सेन, मेघा योगी, सपना निगम, नेहा जैन, प्रज्ञा शर्मा, दिव्या मेहर, संगीता गोठवाल सहित ठहाका सम्मेलन परिवार के सभी साथियों की भूमिका सराहनीय रही।