top header advertisement
Home - उज्जैन << विश्व जल दिवस पर भी नहीं सुधरे जल और जन्मभूमि के दुश्मन - आचार्य सत्यम्

विश्व जल दिवस पर भी नहीं सुधरे जल और जन्मभूमि के दुश्मन - आचार्य सत्यम्


शहीदों की स्मृति को नमन्, उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प
 
उज्जैन। मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम् ने शहीदे आज़म भगतसिंह और उनके साथियों तथा आज़ादी के दीवानों के सपनों का भारत बनाने के संकल्प के साथ विश्व जल दिवस पर भी वंदे मातरम् गाकर भारत माता की छाती छेदने वाले जन्मभूमि के दुश्मनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज़ादी के 70 वर्षों बाद भी अपने निहित स्वार्थों में देश को लूटने और लुटवाने वाले सत्ताधारियों और नौकरशाहों के कारण 100 करोड़ भारतीयों से पीने योग्य पानी भी छीन लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के संकल्पों पर हस्ताक्षर करने वाले भारत के नाकारा शासकों ने गाय-गंगा-गौरी को संकट में डालकर वसुंधरा के पर्यावरण का भी सर्वनाश कर दिया है। मालव अंचल में ही 2011 के राष्ट्रीय नदी बचाओ सम्मेलन प्रयाग में दिए गए मनमोहन सरकार के वचन के विपरीत नदियों की रक्षा उनके तल में कुंए खोदकर तथा किनारों पर वृक्षारोपण मनरेगा के तहत न करके विदेशी बैंकों और कम्पनियों को भारत की नदियों को बेचने का अपराध सत्ताधारी कर रहे हैं तथा जल संकट के नाम पर 1-1 हजार फीट तक जन्मभूमि की छाती छेद रहे हैं। 
आचार्य सत्यम् ने चेतावनी दी कि प्रदेश और केन्द्र के सत्ताधारियों को वंदे मातरम् गाने का अधिकार नहीं है। यदि उन्होंने धरती की छाती छेदने तथा करोड़ों के भ्रष्टाचार के साथ जल संकट से निपटने का गोरखधंधा और अपराध तत्काल बंद नहीं किया तथा नदी संरक्षण की सर्वोच्च न्यायालय, एन.जी.टी. और भारत सरकार द्वारा समर्थित एवं शिवराज सरकार द्वारा दिए गए लिखित वचनों पर आधारित हमारी मांगों को स्वीकार नहीं किया तो आगामी रंगपंचमी के पश्चात् हम निर्णायक अभियान सम्पूर्ण मालव अंचल में प्रारंभ करेंगे। दोनों सत्ताधारी दलों के विभीषणों के कंधों पर भी सवार होकर हम हस्तिनापुर की सत्ता पर कब्जे के उनके सपनों को ध्वस्त कर देंगे। हमारे प्राणान्त पर भी अनुष्ठान जारी रहेगा, इसका हमें विश्वास है। 

Leave a reply