सुदीर्घ कविता को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रॅकोर्ड में स्थान
उज्जैन। अवन्ति तीर्थोद्धारक खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर महाराज के जीवन के विभिन्न आयामों पर लिखित व्यक्ति विशेष पर लिखी गई विश्व की सबसे लंबी कविता को विश्वप्रसिद्ध ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रॅकोर्ड’ में सम्मिलित किया गया।
सुदीर्घ कविता की लेखिका मुम्बई निवासी प्रोफेसर ललिता बी. जोगड़ के द्वारा लिखित कविता की प्रतिलिपि एवं गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रॅकोर्ड का प्रमाण-पत्र की प्रति श्री अवन्ति पार्श्वनाथ तीर्थ जैन श्वे. मू.पू. मारवाडी समाज उज्जैन के अध्यक्ष हीराचंदजी छाजेड, उपाध्यक्ष निर्मलकुमार सकलेचा, महामंत्री चंद्रशेखर डागा, महेन्द्र गादिया, मुम्बई से पधारे जीवराज श्रीश्रीश्रीमाल, हीरालालजी कानुंगो, इन्दौर से पधारे दीनेश हुण्डिया, अनिल बैद आदि ने समर्पित किया। जिनेश्वर युवा परिषद के तरूण डागा एवं रितेश जैन के अनुसार 1291 पंक्तियों की सुदीर्घ कविता-लेखन की घटना विरल है। धर्मसभा में उपस्थित सभी गुरुभक्तों ने ललिता जोगड के प्रयासों का अनुमोदन किया। इसी अवसर पर जिनेश्वर युवा परिषद द्वारा समाज सेवा निरंतर करने का संकल्प लिया।