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विश्व शांति महायज्ञ के साथ हुआ श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन


 
भगवान को चांदी के रथ पर विराजित कर निकाला भव्य जुलूस-हुई पूर्णाहुति
हर छह माह में होना चाहिए समाज में सामूहिक क्षमावाणी -दुर्लभ मति माताजी
उज्जैन। समाज में प्रत्येक 6 माह में क्षमावाणी पर्व मनाया जाना चाहिए। समाज को हमेशा एक होकर रहना चाहिए, जुड़े तो ऐसे जुड़े जिसका कोई तोड़ ना हो। सभी को जोड़ते चले जाइए, कभी किसी को तोड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए। भारत की संस्कृति में हमेशा देव शास्त्र गुरु को पूजने का सिद्धांत रहा है। जो इनकी पूजा करता है, वह निरंतर प्रगतिशील होता है। होली का पर्व रंगो से नहीं भगवान की भक्ति कर भगवान में  रमने का त्यौहार है। अपने मन की गुफा में गहराई से उतरते हुए भगवान की भक्ति कीजिए। हमेशा सप्त व्यसन से दूर रहें। महिलाएं और बालिका सौंदर्य की वस्तुओं से दूर रहें। भगवान की पूजा के साथ साथ जो लोग अहिंसा धर्म का कार्य कर रहे हैं वह लोग भी वास्तविक में भगवान को पूछ रहे हैं। उनके ऐसे कार्य में सभी को सहयोग प्रदान करें। आचार्यश्री के बताए एवं गुरुओं के बताए मार्ग पर चलें। हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दें, उत्तम कृषि, मध्यम व्यापार मे हमेशा उद्यमी रहे। शिष्य वह होता है जो गुरु की आवाज पर चलता है। 
उक्त बात श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के समापन अवसर पर अपने प्रवचनों के दौरान दुर्लभ मति माताजी ने कही। समाज सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि माताजी के सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर लक्ष्मीनगर में 13 मार्च से प्रारंभ हुए श्री सिध्दचक्र महामंडल विधान के समापन पर 20 मार्च को सुबह श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा एवं पंचपरमेष्टी आदि नित्य पूजा की गई। पश्चात श्रीजी की शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें सभी ग्रुप, महिला मंडल विशेष ड्रेस कोड में ध्वज लहराकर श्रीजी के सामने चलकर श्रीजी की अगवानी करते चले। चल समारोह में सबसे आगे देश की शान तिरंगा फहरा रहा था। बहुप्रतिक्षित मंदिरजी के शिखर पर स्वर्ण मंगलकलश स्थापना कार्य विधिवत् मंत्रोचार के साथ संपन्न किया गया। कलश को शिखर पर स्थापित करने का सौभाग्य सुनील वर्षा जैन खुरईवाले को प्राप्त हुवा। ब्रह्मचारी अरुण भैया, पं. खुमानसिंह जैन, स्नेहलता श्रवण सोगानी, सौधर्म इंद्र शैलेंन्द्र शाह, कुबेर केवलचंद मुकेशकुमार पहाडिया, ईशान इंद्रकमल बडजात्या, सानत इंद्र- सुरेशचंद्र संतोष जैन, महामंडलेश्वर- प्रकाश टोंग्या, श्रीपाल सुन्दरी- के सी जैन पत्नि कांतादेवी, यज्ञनायक- संजय लुहाडिया, महेंद्र इंद्र-विमलचंद बाकलीवाल, ब्रम्होत्तर-हिरालाल बिलाला, ब्रम्हेन्द्र- डॉ. ऋषभ जैन बाहुबली- अनिल डोसी, ध्वजारोहण करता नरेंद्र प्रसन्न बिलाला, भरतचक्रवर्ती- अशोक जैन आदि लगभग सैकड़ों इंद्र इंद्राणी एवं जीवनधर जैन, मनोज  पहाड़िया, अतुल सोगानी, अशोक जैन मंगला, सुनील अनिल कासलीवाल सहित उज्जैन के बाहर से आए भक्तगण आदि का ट्रस्ट द्वारा सम्मान किया गया। सम्मान करने में प्रमुख रूप से ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक जैन गुना वाले, विमलचंद  बाकलीवाल, सुनील जैन खुरई, गौरव लोहारिया, संजय लोहारिया, विनय गर्ग, सूरजमल जैन, इंद्र कुमार बड़जात्या, चेतन सोगानी, शैलेंद्र जैन, महावीर ज्ञानपीठ महिला मंडल, अनेकांत युवा मंडल आदि ने विशेष सहयोग प्रदान किया। सचिन कासलीवाल के अनुसार आज गुरुवार को सुबह माताजी के सानिध्य में शांति महामंडल विधान की रचना होगी। श्रीजी के अभिषेक, शांति धारा, ब्रह्मचारी भैया जी के प्रवचन, माताजी के प्रवचन पश्चात शिखर पर धर्म ध्वजा का कार्य पूर्ण होगा एवं सामूहिक क्षमावाणी पर्व भी मनाया जाएगा।

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