आचार्यश्री ने उज्जैन में कराई पालिताणा तीर्थ की भावयात्रा
उज्जैन। गच्छाधिपति आचार्य देवेश जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी महाराज के 60 वर्ष में प्रवेश होने पर आयंबिल आराधना मानव सेवा के साथ मनाये जा रहे जन्मोत्सव समारोह के अंतर्गत मंगलवार को प्रातः 8.30 बजे जिनमणिप्रभसूरीश्वर महाराज एवं समस्त साधु भगवंत एवं साध्वी भगवंत सहित श्रीसंघ का जुलूस श्री अवंति पाश्र्वनार्थ तीर्थ दानीगेट से निकला। जो विभिन्न मार्गों से होता हुआ श्री शांतिनाथजी मंदिर पहुंचा। यहां आचार्यश्री ने सिध्दाचल तीर्थ की फागुन सुदी तेरस की भावयात्रा कराई।
जिनेश्वर युवा परिषद के तरूण डागा एवं रितेश जैन ने बताया कि भाव यात्रा से पूर्व गुणानुवाद सभा हुई साथ ही गुरूदेव के जन्म के उपलक्ष्य में मारवाड़ी महिला मंडल ने प्रस्तुति दी। तत्पश्चात आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वर महाराजने प्रवचन देते हुए फाल्गुन त्रियोदशी का महत्व बताते हुए कहा कि इस दिन हजारों लोग गुजरात स्थित पालिताणा तीर्थ की यात्रा करते हैं। आपने कहा इस दिन का महत्व समझें अरिहंत परमात्मा कहते हैं जो व्यक्ति शत्रुंज्य गिरीराज का स्पर्श करता है वह शीघ्र से शीघ्र मोक्ष में जाता है। हम भाग्यशाली है कि ऐसा तीर्थ हमें मिला है। आज से 85 हजार साल पहले नेमीनाथ भगवान के शासन में श्रीकृष्ण महाराज के पुत्र सांब और प्रद्युम्न ने वैराग्यमय वाणी को सुनकर दीक्षा अंगीकार की थी और चारित्र साधना करते, ध्यान आदि करते हुए पालिताणा के शिखर पर मोक्ष को प्राप्त किया था उनकी याद में पालिताणा महातीर्थ की परिक्रमा लगाई जाती है। हजारों यात्री यह यात्रा कर अपने कर्मो को खपा रहे हैं, भावनाओं को शुध्द कर रहे हैं और विश्व शांति की मंगलकामना कर रहे हैं। आभार निर्मलकुमार सकलेचा ने आभार माना। ट्रस्ट के सचिव चंद्रशेखर डागा ने बताया कि जन्मोत्सव समारोह में आज 20 मार्च को प्रातः 9 बजे से सामुहिक आयंबिल एवं उपवास के आयोजन होंगे साथ ही जिनेश्वर युवा परिषद द्वारा जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मानव सेवा का कार्य किया जाएगा। श्री अवंति पाश्र्वनाथ तीर्थ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक मारवाड़ी समाज ट्रस्ट ने अधिक से अधिक संख्या में समाजजनों से शामिल होने का अनुरोध किया है।