निर्वाचन के मद्देनजर सीमावर्ती जिलों में चौकसी बरतने के लिये बेहतर समन्वय किया जाये
उज्जैन संभाग के सीमावर्ती जिलों के प्रशासनिक
एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक सम्पन्न
उज्जैन। लोकसभा निर्वाचन-2019 के दौरान शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा निर्वाचन प्रक्रिया निर्विघ्न सम्पन्न कराने के लिये उज्जैन संभाग के सीमावर्ती जिलों से लगे राजस्थान के जिलों की सीमा पर चौकसी बरतने एवं समन्वय के साथ नाकाबन्दी करने का निर्णय संभागायुक्त श्री अजीत कुमार की अध्यक्षता में आयोजित अन्तरराज्यीय सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों की बैठक में लिया गया। बैठक में संभागायुक्त श्री अजीत कुमार ने कहा कि उज्जैन, कोटा एवं उदयपुर संभाग के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी मिलकर समन्वय के साथ ऐसी व्यवस्था बनायेंगे, जिससे लोकसभा निर्वाचन में किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न न हो। बैठक में उज्जैन आईजी श्री राकेश गुप्ता, उदयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त श्री भवानीसिंह देथा, कोटा संभाग के संभागीय आयुक्त श्री एल एन सोनी, कोटा एवं उदयपुर के आईजी सहित उज्जैन संभाग, कोटा संभाग एवं उदयपुर संभाग के सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद थे।
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन श्री राकेश गुप्ता ने बताया कि उज्जैन संभाग के सीमावर्ती इलाके में उज्जैन, आगर, रतलाम जिले की सीमा राजस्थान के झालावाड़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ एवं कोटा जिलों से मिलती है। उज्जैन संभाग के लगभग 295 मतदान केन्द्र ऐसे हैं, जो राजस्थान की सीमा से लगे हुए हैं। इस क्षेत्र में 51 नाके मध्य प्रदेश की ओर से लगाये जाते हैं। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि निर्वाचन के दौरान मध्य प्रदेश एवं राजस्थान पुलिस द्वारा वारंटियों एवं वांछित अपराधियों की सूचियों का आदान-प्रदान, अवैध शराब परिवहन एवं अवैध शस्त्र परिवहन पर रोक, अवैध मादक द्रव्यों की तस्करी पर रोकथाम लगाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के 272 वांछित व्यक्तियों की सूची नामजद राजस्थान पुलिस को सौंप दी गई है। पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन ने आग्रह किया कि संचार व्यवस्था एवं दूरभाष नम्बरों की सूची का आदान-प्रदान कर राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की पुलिस के मध्य बेहतर समन्वय बनाया जा सकता है।
बैठक में कोटा के पुलिस महानिरीक्षक श्री विपिन कुमार पाण्डे ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र की पुलिस में कांस्टेबल लेवल से लेकर सबडिवीजन लेवल के अधिकारियों के मध्य आपस में औपचारिक के साथ-साथ अनौपचारिक सम्पर्क भी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस अधिकारी वाट्सअप ग्रुप बनाकर एकदूसरे से जुड़ेंगे तो निश्चित रूप में अपराधियों के बारे में जानकारी एक-दूसरे को त्वरित दे सकेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक राज्य से दूसरे राज्य में अपराधियों को पकड़ने जाने से पूर्व यदि सम्बन्धित थाने के अधिकारियों को पूर्व से सूचित कर दिया जाये तो वे पहले से ही सहयोग के लिये तैयारी कर सकेंगे। इसी तरह उदयपुर रेंज के आईजी श्री प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि इंटरस्टेट नाकों की फाईन ट्युनिंग आवश्यक है। पुलिस बल को एक ही स्थान पर लगाने की बजाय समन्वय कर बल का वितरण कर अधिक स्थानों पर नाकेबन्दी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि निर्वाचन के समय विभिन्न मु्द्दों का ध्रुवीकरण किया जाता है, इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
बैठक में उदयपुर के संभागायुक्त श्री भवानीसिंह देथा ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के सबडिवीजनल मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी स्तर तक के अधिकारियों के मध्य समन्वय स्थापित कर कानून व्यवस्था बेहतर तरीके से मेंटेन की जा सकती है। कोटा संभाग के संभागायुक्त श्री एलएन सोनी ने कहा कि छोटी से छोटी घटना को भी अधिकारियों को आपस में शेयर करना चाहिये। न केवल वरिष्ठ अधिकारियों बल्कि नीचे के स्तर के अधिकारियों की भी ज्वाइंट मीटिंग होना चाहिये।
बैठक में आगर कलेक्टर श्री अजय गुप्ता ने कहा कि राजस्थान से लगे क्षेत्र में राजस्थान के पीड़ावा, रायपुर, बकानी आदि स्थानों से गोवंश का मूवमेंट होता रहता है, इस कारण कई बार कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है। रतलाम के पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने कंजरों की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि झालावाड़ जिले के कंजरों के डेरे से रतलाम जिले में वारदात होती है, इसलिये रतलाम एवं झालावाड़ जिले को संयुक्त रूप से कार्यवाही करना आवश्यक है। पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन ने कहा कि टार्गेटेड कार्यवाही की जाये तथा दोनों ही राज्यों से कंजरों पर कार्यवाही करने के लिये नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाना चाहिये। बैठक में राजगढ़ कलेक्टर द्वारा झालावाड़ की सीमाओं पर की गई व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।
बैठक में उज्जैन डीआईजी श्री अनिल शर्मा, रतलाम डीआईजी श्री गौरव राजपूत, राजस्थान के बांसवाड़ा के जिला कलेक्टर श्री आशीष गुप्ता, चित्तौड़गढ़ की जिला कलेक्टर श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार, प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर श्री श्यामसिंह राजपुरोहित, कोटा के कलेक्टर श्री एमएन अग्रवाल, झालावाड़ जिला कलेक्टर श्री सिध्दार्थ सहाग, उज्जैन कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, रतलाम कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी, मंदसौर कलेक्टर श्री धनराजू एस., पुलिस अधीक्षक श्री विवेक अग्रवाल, आगर-मालवा कलेक्टर श्री अजय गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज श्रीवास्तव, नीमच कलेक्टर श्री राजीवरंजन मीणा, पुलिस अधीक्षक श्री राकेश सगर, राजगढ़ कलेक्टर श्रीमती निधि निवेदिता उपस्थित थे।