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प्रशिक्षणार्थियों के लिये प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण रही, लोकसभा निर्वाचन के मतदान दलों का 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न


 

उज्जैन । लोकसभा निर्वाचन के अन्तर्गत देवास रोड स्थित विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानन्द इंजीनियरिंग महाविद्यालय में पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान दल अधिकारी क्रमांक-1 का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गत 11, 13, 15 एवं रविवार 17 मार्च को सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षणार्थियों के लिये सामान्य जानकारी हेतु पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई थी। यह प्रदर्शनी प्रशिक्षणार्थियों के लिये मुख्य आकर्षण रही। प्रशिक्षण में प्रशिक्षण प्रभारी डॉ.संदीप नाडकर्णी, डॉ.विजय सुखवानी सहित अन्य प्रशिक्षकों ने निर्वाचन से सम्बन्धित जानकारी दी और बताया कि निर्वाचन के सम्पूर्ण प्रक्रिया में सावधानी बरती जाये एवं निष्पक्ष तथा पारदर्शिता के साथ निर्वाचन के कार्य को पूर्ण किया जाये। चार दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान समय-समय पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शशांक मिश्र ने प्रशिक्षणार्थियों को निर्वाचन की महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया।

प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षणार्थियों को ईवीएम मशीन आदि के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि वीवीपेट के पीछे का काला नॉब केवल मॉकपोल के समय तथा वास्तविक मतदान के समय ही वर्किंग मोड (खड़ी अवस्था में) रखा जाये। परिनियत लिफाफों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। मतदान के पहले मॉकपोल के पश्चात वीवीपेट की पर्चियां निकालकर ड्रॉपबॉक्स खाली करें। सीयू एवं वीवीपेट को सील किया जाये। मॉकपोल के दौरान वीवीपेट द्वारा प्रिंट की गई समस्त पर्चियों को वीवीपेट के ड्रॉपबॉक्स से निकालकर पर्चियों के पृष्ठ भाग में मॉकपोल पेपर स्लीप का स्टाम्प लगायें और दिये गये काले लिफाफे में रखकर सील करें तथा काले लिफाफे को प्लास्टिक बॉक्स को पिंक पेपर से सील करें। अधिकारी-कर्मचारी ईवीएम के समय संचालन में यदि कोई सामान्य एरर आती है तो सीयू के पॉवर स्वीच को ऑफ करें। एरर का निदान करने के उपरान्त पुन: सीयू के पॉवर स्वीच को ऑन करें। प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि पीठासीन अधिकारी स्वयं मतदाता से पूछताछ कर उनकी पहचान का सत्यापन करें। निर्धारित प्रारूप में मतदाता से घोषणा भरवायें। मतदाता रजिस्टर में मतदाता के हस्ताक्षर के साथ मतदाता का अंगूठा भी लगवायें।

प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि वास्तविक मतदान शुरू करने के पूर्व सीयू का टोटल बटन दबाकर कुल मत ‘जीरो’ अवश्य देखा जाये। मॉकपोल के पश्चात सीआरसीटी करें। वीवीपेट की पर्चियां निकालकर ड्रॉपबॉक्स खाली कर सीयू एवं वीवीपेट को सील करने की प्रक्रिया से अवगत कराया। प्रशिक्षण में बताया कि सीयू, बीयू एवं वीवीपेट को आपस में कनेक्ट अथवा डिसकनेक्ट करते समय सीयू के पॉवर स्वीच को हमेशा ऑफ रखना चाहिये। मतदान सामग्री प्राप्ति पर बीयू, सीयू, वीवीपेट नहीं जोड़ें। मॉकपोल के समय ही बॉक्स से निकालकर पहली बार वीवीपेट जोड़ा जाना चाहिये। पीठासीन अधिकारियों द्वारा की जाने वाली घोषणाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि ईवीएम खराब होने की स्थिति में वास्तविक मतदान के पूर्व जो इकाई खराब हो, सिर्फ उसी इकाई को बदला जाये। प्रत्येक अभ्यर्थी को एक मत डालकर मॉकपोल किया जाये। वीवीपेट खराब होने पर सिर्फ वीवीपेट को बदला जाये व मॉकपोल नहीं होगा। वास्तविक मतदान शुरू होने के पश्चात हर दो घंटे में मतदान किये गये कुल मतों की संख्या का मिलान निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति, मतदाता रजिस्टर एवं सीयू में दर्ज मतों से करें। प्रशिक्षण के दौरान सहायक श्रमायुक्त एवं ईडीसी प्रभारी श्रीमती मेघना भट्ट ने भी प्रशिक्षणार्थियों को निर्वाचन कर्तव्य प्रमाण-पत्र (ईडीसी) हेतु प्रारूप 12क में आवेदन की जानकारी से अवगत कराया और आवेदन प्राप्त किये गये।

प्रशिक्षण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी श्री नीलेश पारिख उपस्थित थे। प्रशिक्षण स्थल पर प्रशिक्षणार्थियों की सुविधा एवं मार्गदर्शन के लिये पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जो नवाचार के रूप में प्रशिक्षणार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियां सहजता से प्राप्त हुई। कई प्रशिक्षणार्थियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ-साथ अपने मोबाइल में जानकारी को कैद कर लिया। प्रशिक्षण स्थल पर ईवीएम अभ्यास कक्ष भी बनाया गया था, जिसमें प्रशिक्षणार्थियों को ईवीएम से अभ्यास करवाकर प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिससे मतदान दलों को मतदान करवाने में कठिनाईयों का सामना न करना पड़े। उल्लेखनीय है कि 11 मार्च को पीठासीन अधिकारी एवं मतदान दल अधिकारी क्रमांक-1 लगभग 561, 13 मार्च को लगभग 897, 15 मार्च को लगभग एक हजार तथा रविवार 17 मार्च को लगभग दो हजार प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर समन्वयक के रूप में श्री पीएल डाबरे भी उपस्थित थे।

 

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