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यदि दुनिया में कोई सबसे शक्तिशाली चीज है तो वह मेरी आत्मा है -श्री दुर्लभ मति



जैन समाज का संगठन, सहयोग, संगम, धार्मिक भावनायें का होता है -श्री 105 दुर्लभमति माताजी
उज्जैन। यदि इस संसार में कोई सबसे शक्तिशाली चीज है तो वह मेरी स्वयं की आत्मा है। पंचकल्याणक जैसा ही लघु पंचकल्याणक होता है सिद्धचक्र महामंडल विधान। लक्ष्मीनगर में श्री महावीर दि जैन मंदिर के अंतर्गत श्री सिध्दचक्रमहामंडल विधान 13 मार्च से निरंतर चल रहा हैं। श्री 105 दुर्लभमति माताजी ससंघ सानिध्य, प्रतिष्टाचार्य ब्रम्हचारी अरुण जैन कटंगीवाले एवं साथ में खुमानसिंह के धार्मिक आस्था से परिपूर्ण आध्यात्मिकता से ओतप्रोत, माताजी के मुखाग्रबिंद से पौराणिक ग्रंथो में उल्लेखित तथ्यों के साथ, श्री सिध्दचक्रमरामंडल विधान की पूजा समस्त इंद्र इंद्राणी ओर समाज के अनेक संघटनों के सहयोग से निरंतर यह अनुष्ठान 16 मार्च को चौथे दिवस में प्रवेश कर कुल 248  अर्घ्य भक्तिभाव से, अष्टद्रव्यों से, श्रीफल से, संगीतमय पूजा के साथ श्री सिध्दभगवान के चरणों में अर्पित किये गये। 
माताजी अपने प्रवचन में भगवान के अर्घ्यो के अर्थ भावसहित समझाने से साधर्मियों में मन-वचन-काय, पूण्यार्जन के लिये दान महिमा के अनुरुप भाव जागृत हो रहे हैं। इस अनुष्ठान से हमें बहुत कुछ आध्यात्मिकता, स्वाध्याय की अनूभुति होती है कि धर्म हमें क्या सिख देता हैं ओर हमें हमारी भावनाओं कैसे उसके अनुरुप ढालने की कोशिश करना हैं। अर्घ्य तो निमित्त मात्र हैं, इस थाली से दुसरे थाली में डालना लेकिन उसे समझना जरुरी हैं। देवेन्द्र सिंघई ने निजी तौर पर ओर नयापुरा महिला मंडल द्वारा विंधान के लिये द्रव्य सामग्री बैंड बाजे के साथ मंदीरजी में भेंट की। स्नेहलता सोगानी द्वारा इंद्र इंद्राणी ओर बाहर से अतिथियों के लिये भोजन व्यवस्था कराई जा रही हैं। मंदिरों में भगवान की पूजा चांदी या पीतल के बर्तनों में होना चाहिये इसके बार मे धार्मिक जानकारी दी गई फलस्वरुप समाज के कई साधर्मियों ने पूजा करने के लिये पीतल के सेट उपलबध कराने की घोषणायें की गई। आज 17 मार्च को 256 अर्घ्यों के माध्यम विधान की पूजा संपन्न की जावेगी। शीघ्र ही तीनों शिखर पर कलशारोहण होना हैं। तांबे के कलश बनकर आ चुके हैं उनपर सोने का आवरण चढाना हैं। अनेकों साधर्मि बंधुओं द्वारा स्वर्ण दान की घोषणा की लेकिन अभी स्वर्ण की ओर आवश्यकता हैं। जो भी महानुभाव स्वर्ण दान करना चाहते हैं, शीघ्रता से मन बनाकर अपनी भावना अवगत करावें। महासमिति के तत्वावधान में होने वाली आदिनाथ जयंती 29 मार्च को लेकर 
महासमिति उज्जैन, सकल दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद उज्जैन, पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर फ्रीगंज, जैन मित्र मंडल, नारी चेतना मंडल आदि कई संगठनों ने माता जी को सभी कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए श्रीफल भेंट किया। जिसमें विशेष रूप से समिति के अध्यक्ष रमेश जैन एकता, अशोक जैन चायवाले, निर्मल सोनी, अशोक जैन गुना वाले, सचिन कासलीवाल, अशोक जैन मंगला आदि कई लोग मौजूद थे।

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