कांग्रेस की सरकार बनी स्थानांतरण सरकार, करोड़ों के भ्रष्टाचारियों को पुनः भ्रष्टाचार करने बैठाया
उज्जैन। कांग्रेस की मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के मात्र 70 दिनों में ही आम मतदाता एवं किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है क्योंकि भाजपा शासनकाल में जिन भ्रष्ट अधिकारियों को जिले से खदेड़ा था उन्हें वापस नाथ सरकार ने भ्रष्टाचार करने हेतु भेज दिया गया।
यह आरोप किसान नेता एवं नमामि देवी नर्मदे भाजपा प्रदेश सहसंयोजक केशरसिंह पटेल ने लगाते हुए कहा कि मुख्य रूप से 3 विभाग लोकनिर्माण, नगर पालिका निगम उज्जैन तथा मंडी बोर्ड में कुछ अधिकारियों द्वारा करोड़ों के भ्रष्टाचार किये गये। इन भ्रष्ट अधिकारियों की जागरूक लोगों द्वारा मय सबूत के शिकायत लोकायुक्त में दर्ज हुई साथ ही आर्थिक अपराध भ्रष्टाचार निवारण जांच एजेंसियों द्वारा प्रकरण पंजीबध्द होते ही भ्रष्ट अधिकारियों को तुरंत हटाया एवं अन्यत्र भेज दिया गया जिससे ये भ्रष्ट जांच प्रभावित न करें। परंतु जैसे ही विधानसभा चुनाव के पश्चात कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की लुली लंगड़ी सरकार बनी वैसे ही कुछ हफ्तों में स्थानांतरण पहले आओ पहले पाओं की तर्ज पर नाथ सरकार ने करते हुए स्थानांतरण के सारे रिकार्ड तोड़ दिये।
पटेल ने कहा कि जिन भ्रष्टाचारियों को भाजपा सरकार ने इस महाकाल की नगरी से हटाया था उन भ्रष्ट धनकुबेरों द्वारा अपनी अटैची का मुंह खोलकर वापस अपनी पुरानी जगह पर काबिज हो गए। लोकनिर्माण विभाग में पदस्थ रहते हुए पंचक्रोशी मार्ग जिसकी लंबाई 116 कि.मी. है उसके निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया। शिकायत मिलने पर तत्काल प्रभाव से कोमल भूतड़ा को कार्यपालन यंत्री प्रभारी शाजापुर से निलंबित कर मुख्य अभियंता कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन कार्यालय में बैठा दिया था। इसी के साथ नगर में भ्रष्टाचार के चलते सुबोध जैन का स्थानांतरण नेमावर एवं पियूष भार्गव का स्थानांतरण ग्वालियर कर दिया गया था। इनके द्वारा टंकी घोटाले, शौचालय घोटाले के अलावा और भी कई बड़े घोटाले करोड़ों के घोटाले किये हैं और भार्गव पर पहले लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 569/2011 दर्ज है वहीं दूसरा प्रकरण जांच क्रमांक 402/2011 है। उन जांचों को प्रभावित करने हेतु नाथ सरकार ने इन भ्रष्टों को पुनः भेज दिया गया। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अपने आप को करीबी रिश्तेदार कहने वाले चंद्रशेखर वशिष्ठ संयुक्त संचालक मंडी बोर्ड का सबसे बड़ा घोटाला टीपी घोटाला अपने संरक्षण में करवाया और स्वयं की तिजोरी भरने हेतु शासन को कतिपय व्यापारियों की मिलीभगत से करोड़ों के मंडी टेक्स का चुना लगाया। साथ ही इनके कार्यकाल में सिर्फ व्यापारियों के बिल बिल्टियां ट्रक के कागजातों पर ही करोड़ों की टीपी बनवाकर बंदरबाट होती थी। नाथ की मेहरबानी से इन महाशय का स्थानांतरण पुनः ग्रह संभाग उज्जैन में कर दिया गया। इनके खिलाफ पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन में 2012 में की गई। भोपाल के ईओडब्ल्यू कार्यालय वर्ष 2018 में प्रकरण/सू.प.क्र.11/2018 दिनांक 4 जुलाई 2018 भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 418/406/120 बी के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) डी एवं सहपठित 13 (2) के तहत कार्यवाही की जा रही है। ऐसे भ्रष्टाचारियों को पुनः जहां भ्रष्टाचार किया उन्हीं पदों पर बैठाकर भ्रष्टाचार का कीर्तिमान बनाने के लिए कांग्रेस सरकार भेज रही है। एक और कांग्रेस सरकार भाजपा की तत्कालीन सरकार को भ्रष्टाचारी बता रहे हैं और दूसरी ओर जिन भ्रष्ट अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में भाजपा सरकार ने हटाया था उन्हीं अधिकारियों को पुनः भ्रष्टाचार करने के लिए बैठाना कांग्रेस के रीति नीति को उजागर करता है। पटेल ने कहा कि इन भ्रष्टों के खिलाफ सारे सबूतों के साथ राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा।