महिलाओं के बुलंद इरादों की कहानी, महिलाओं ने मिलकर कराया विधवा की बेटी का ब्याह
उज्जैन। शास्त्रीनगर की गली नंबर 2 के कम्प्यूनिटी हॉल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की रात्रि को शहर की एक बेटी का विवाह महिलाओं के बुलंद इरादों की कहानी गढ़ गया। जिस बेटी का ब्याह रचाया गया वह एक विधवा की बेटी है, जो घरों में कामकर अपना जीवन यापन कर रही थी और बेटी का ब्याह करना उसके लिए एक सपना था। ऐसे में कुछ महिलाओं ने बीड़ा उठाया और विधवा मां का सपना साकार कर दिखाया।
दरअसल घरों में काम करके अपना तथा अपनी बेटी का पेट पाल रही शास्त्रीनगर निवासी लता नेटके के पति का देहावसान हो चुका है। 10 बाय 10 के किराये के मकान में रहने वाली लता की बेटी रजनी का ब्याह बैरागड़ के छोटू राव के साथ तय हो गया था लेकिन लता नेटके के पास ब्याह रचाने जितने रूपये नहीं थे। शादी की तारीख जैसे जैसे पास आ रही थी वैसे-वैसे लता की परेशानी बढ़ती जा रही थी। ऐसे में शास्त्रीनगर में ही रहने वाली राखी श्रीवास के यहां काम करने के दौरान लता ने अपनी परेशानी बताई, राखी श्रीवास ने मुनिनगर तालाब के समीप रहने वाली सुरेखा दीदी तंवर से यह बात साझा की और दोनों ने तय किया कि लता की बिटिया की शादी धूमधाम से कराएंगे। इस ब्याह में रश्मि चिंतामणि मालवीय की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहीं और विवाह की तैयारियां शुरू हुई। महिलाओं ने मिलकर ही 500 लोगों के भोजन की व्यवस्था, बिटिया के लिए देने हेतु भेंट स्वरूप उपहार की व्यवस्था की। 8 मार्च महिला दिवस की रात्रि को बैरागढ़ से बारात आई, बारातियों का स्वागत धूमधाम से हुआ और कम्युनिटी हॉल में राखी श्रीवास तथा कमलेश श्रीवास ने कन्यादान किया। विवाह समारोह को सफल बनाने में रश्मि चिंतामणि मालवीय, सुरेखा दीदी तंवर, राखी श्रीवास के साथ ही रश्मि सक्सेना, नीता मौर्या, रजनी नरवरिया, करूण खितौले, कल्पना शाह, राहुल प्रजापत, कपिल राठौर, टीना गुजराती, प्रियंका वाडिया, नेहा, आकाश युवराज चौबे आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।