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जिस प्रकार टीकों के माध्यम से पोलियो और स्मालपॉक्स का उन्मूलन हुआ है, उसी प्रकार मीजल्स और रूबेला का करेंगे


 

एमआर टीकाकरण अभियान पर कार्यशाला आयोजित

    उज्जैन। जिस प्रकार टीकों के माध्यम से पोलियो, स्मालपाक्स, मातृ-शिशु टीटनेस बीमारी का अन्त किया है, उसी प्रकार एमआर टीका लगाकर 9 माह से 15 वर्ष के बच्चों में मीजल्स एवं रूबेला का भारत से उन्मूलन करेंगे। एमआर टीकाकरण अभियान पर आज पॉलीटेक्निक कॉलेज में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में विभिन्न शासकीय स्कूलों के प्राचार्य, अशासकीय स्कूलों के संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एमएल मालवीय, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.प्रमोद कौशिक, डॉ.एके मित्तल, डॉ.आशीष पाठक, डॉ.सुनील राठी, डॉ.जेसी मांदलिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ.सुधीर सोनी, प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के श्री मनीष भारद्वाज, जिला शिक्षा अधिकारी श्री संजय गोयल एवं जिला शिक्षा समन्वयक श्री बीएस सोलंकी मौजूद थे।

    कार्यशाला में बोलते हुए वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.प्रमोद कौशिक ने कहा कि एमआर टीकाकरण का अभियान 15 जनवरी से प्रारम्भ होने जा रहा है। इस अभियान में निजी चिकित्सक भी बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। डॉ.कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि एमआर टीका 9 माह से 15 वर्ष के बच्चों में दांहिनी भुजा पर चमड़ी में लगाया जायेगा। यह टीका मीजल्स एवं रूबेला को देश से समाप्त करने का काम करेगा। डॉ.कौशिक ने बताया कि मीजल्स रोग के कारण कुपोषण, दिमाग पर सूजन, निमोनिया आदि बीमारी होती है। इसी तरह रूबेला वायरस के कारण गर्भस्थ शिशु के दिल के रोग एवं मानसिक विकृतियां उत्पन्न होती हैं। इस टीकाकरण से बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जायेगी और जिस तरह पोलियो एवं बड़ी माता पर विजय प्राप्त की है, उसी तरह मीजल्स एवं रूबेला पर विजय प्राप्त की जायेगी। डॉ.कौशिक ने पालकों से आव्हान किया है कि वे उनके बच्चों को वैक्सिनेशन के लिये टीकाकरण स्थल पर लेकर जायें। इस टीके के किसी तरह के साईड इफेक्ट्स भी नहीं है और इसमें उपयोग की जाने वाली नीडल्स भी एक ही बार उपयोग करने के बाद ऑटोलॉक हो जायेगी, दूसरी बार उपयोग नहीं की जा सकेगी। वैक्सिनेशन देने वाले सभी डॉक्टर प्रशिक्षण प्राप्त रहेंगे, इसलिये पालकों को एवं शिक्षण संस्थाओं को किसी तरह की शंका नहीं होनी चाहिये।

    कार्यशाला में सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एमएल मालवीय ने बताया कि अभियान के दौरान शिक्षकों एवं अभिभावकों से सहभागिता प्राप्त की जायेगी। इनकी मदद से सराकात्मक वातावरण तैयार किया जाएगा, ताकि अभियान को 100 प्रतिशत सफल बनाया जा सके। इसके लिये सभी शासकीय एवं प्रायवेट विद्यालय में (कक्षा 01 से 10 तक) में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा, जिसमें ऊपर स्लोगन- ‘‘मीजल्स-रूबेला उन्मूलन कौन करेंगा, हम करेंगे, हम करेंगे’’ रहेगा। इस स्लोगन के नीचे फ्लेक्स पर अभिभावकों, पालकों, शिक्षको से हस्ताक्षर करवाये जायेंगे। हस्ताक्षर अभियान 01 जनवरी से 15 जनवरी 2018 तक चलाया जायेगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा समस्त विद्यालयों में संपर्क कर के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को यह बताया जायेगा कि मीजल्स रोग देवी प्रकोप नही है यह एक वायरस की बीमारी है, जिसे टीकाकरण द्वारा समाप्त किया जा सकता है। इसके पूर्व भी हमने चैचक, पोलियों, हेजा आदि बीमारियों का उन्मूलन कर चुके है। अभी तक 23 राज्यों मे मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान सफल रूप से संचलित किया गया है, जहां 95 प्रतिशत से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया जया है। इस प्रकार की गतिविधि का मुख्य उद्देश्य बच्चों को संदेश वाहक के रूप मे उपयोग करना है, जिससे कि इस अभियान के बारे मे अभिभावकों को भी तथ्यात्मक जानकारी मिल सके।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय मे बच्चों को एवं शिक्षकों को इस बारे मे शपथ भी दिलवाई जायेगी कि ‘‘हम शपथ लेते है कि जिस प्रकार टीको के माध्यम से पोलियों, स्माॅल पाक्स, मातृ-शिशु टिटनेस, बीमारी का अंत किया है, उसी प्रकार 2019 मे 09 माह से 15 वर्ष के बच्चों की दाहिनी भुजा की चमड़ी मे एमआर का टीका लगाकर दो बीमारियों को भारत वर्ष से समाप्त करेंगे। यह हमारा पक्का इरादा है, देशवासियों को सच्चा वादा है’’ अभियान के लिये जगह-जगह पर प्रमुख नारे जनजागृति हेतु लिखे जायेंगे जैसे- दो बीमारियों को हरायेंगे एम.आर. का टीका जरूर लगाएंगे, हम सबने यह ठाना है, मीजल्स रूबेला रोग मिटाना है, हम सबका बस एक ही सपना, मीजल्स रूबेला मुक्त हो प्रदेश अपना, हमारा एक ही संकल्प, एम.आर. रोग मुक्त हो मुल्क आदि।

    कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में डब्ल्यूएचओ के डॉ.सुदीप सोनी, डॉ.एके मित्तल, डॉ.आशीष पाठक, श्री सुनील राठी, डॉ.जेसी मांदलिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ.सुधीर सोनी,  ने भी सम्बोधित किया तथा शिक्षण संस्थाओं के प्रमुखों की शंकाओं का समाधान किया। उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले मे 09 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को लक्षित करके समस्त शासकीय, प्रायवेट स्कूल मे आंगवाड़ियों मे अभियान के दौरान 2085 शासकीय एवं 998 प्रायवेट स्कूल है एवं 2104 आंगनवाड़ी केन्द्र है, जिसमे अनुमानित 528480 बच्चों का टीकाकरण किया जाने का लक्ष्य है। कार्यक्रम के संबंध मे विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिये मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा।            

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