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"जिला चिकित्सालय में समिति के सदस्य निरीक्षण करें, और कोई शिकायत मिलने पर मुझे अवगत करायें" – कलेक्टर


आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो, नल जल योजना के अन्तर्गत रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाये

जिला स्तरीय दीनदयाल अन्त्योदय समिति की बैठक हुई

    उज्जैन। गुरूवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय अन्त्योदय समिति की बैठक हुई। इसमें समिति के उपाध्यक्ष श्री हरिकिशन मेलवानी, कलेक्टर एवं समिति के सचिव श्री मनीष सिंह, अपर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, श्री महेश शर्मा, श्री राकेश पण्ड्या एवं समिति के अन्य सदस्य तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

    समिति की बैठक में पिछली बैठक के पालन प्रतिवेदन, महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत पोषण आहार, पीएचई के अन्तर्गत ग्रामीण पेयजल एवं नल जल योजना कार्यक्रम तथा श्रम विभाग के अन्तर्गत मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना की समीक्षा की गई।

समिति में सकारात्मक सोच वाले सदस्य हों

    बड़नगर में महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत सेनिटरी नैपकिन की मशीन लगाने और नैपकिन के नि:शुल्क वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने पर चर्चा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिये कि इस कार्य के लिये महिलाओं की एक समिति बनाई जाये। समिति में सकारात्मक सोच वाले सदस्य रखे जायें। यह समिति 3 या 5 सदस्यों की हो सकती है। इसका मुख्य कार्य समस्या का समाधान निकालना होना चाहिये। समिति बनाने के पीछे यह उद्देश्य होना चाहिये कि काम के क्रियान्वयन में सकारात्मक परिणाम आयें।

    कलेक्टर ने निर्देश दिये कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में भीषण गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए पीने के पानी की व्यवस्था की जाना चाहिये। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि सभी केन्द्रों में पंखे अनिवार्यत: लगे हों और चालू स्थिति में हों। ऐसे आंगनवाड़ी भवन जो वर्ष 2009-2010 से निर्माणाधीन हैं, उन्हें तत्काल पूर्ण कराया जाये। ऐसे भवनों की पंचायतवार एवं जनपदवार सूची बनाकर कलेक्टर कार्यालय में उपलब्ध कराई जाये।

    कलेक्टर ने बैठक में कहा कि समिति के सदस्य जिला चिकित्सालय एवं अन्य शासकीय चिकित्सालयों में स्वयं जाकर निरीक्षण करें और वहां महिलाओं की प्रसूति एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई शिकायत मिलने पर उन्हें अवगत करायें, परन्तु शिकायत सकारात्मक और सुधारात्मक होनी चाहिये। तहसीलों में स्थित चिकित्सालयों में डॉक्टर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें तथा कार्यस्थल पर ही निवास करें, अन्यथा उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। जहां चिकित्सकों के रिक्त पद हैं, उनकी पूर्ति हेतु विधिवत प्रस्ताव तैयार किये जायें। जिला चिकित्सालय सहित सभी शासकीय चिकित्सालयों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये। जिला चिकित्सालय में कैंसर यूनिट, पैरालिसिस यूनिट, ओटी, आईसीयू एवं ओपीडी में व्यवस्थाएं चाक-चौबन्द रखी जायें।

जिले में 2 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित

    जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत समूहों पर चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि उज्जैन जिले में कुल 2127 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। इनमें से ग्रामीण क्षेत्र में 1644 तथा शहरी क्षेत्र में 483 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। वर्तमान में 24 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और 25 आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पद रिक्त हैं, जिन्हें शीघ्र ही भरने के लिये विधिवत कार्यवाही की जा रही है। बैठक में बताया गया कि पूरक पोषण आहार आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से दिया जाता है। महीने के प्रत्येक मंगलवार को आंगनवाड़ी केन्द्र में विभिन्न कार्यक्रम जैसे गोदभराई, बच्चों के जन्म दिवस और अन्नप्राशन आयोजित किये जाते हैं। सप्ताह के हर दिन भोजन का मेनू बदलकर खिलाया जाता है। इसके अलावा तीसरे मील (थर्ड मील) के रूप में पौष्टिक रोस्टेड मीठा दलिया मिश्रण सामग्री का प्रदाय प्रति हितग्राही प्रति दिवस 60 ग्राम के मान से दिया जाता है।

    पूरक पोषण आहार प्रदाय की व्यवस्था एमपी एग्रो न्यूट्रीफूड लिमिटेड इन्दौर के माध्यम से की जाती है। इसमें गर्भवती एवं धात्री माताओं के लिये प्रति हितग्राही 150-150 ग्राम गेहूं/सोया बर्फी, आटा बेसन, लड्डू और खिचड़ी वितरित की जाती है। 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों के लिये 120-120 ग्राम प्रति हितग्राही हलवा व बाल आहार तथा 125 ग्राम खिचड़ी वितरित की जाती है। किशोरी बालिकाओं के लिये 150-150 ग्राम प्रति हितग्राही गेहूं सोया बर्फी और खिचड़ी वितरित की जाती है।

प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के क्रियान्वयन में उज्जैन तीसरे नम्बर पर

    एकीकृत बाल विकास सेवा के जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के क्रियान्वयन में उज्जैन जिला प्रदेश में तीसरे नम्बर पर है। इसमें प्रसूति के पहले समय-समय पर 4 हजार रूपये गर्भवती माताओं के खाते में डाले जाते हैं और प्रसूति के पश्चात 12 हजार रूपये की राशि प्रदाय की जाती है।

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा के दौरान बैठक में बताया गया कि विकास खण्डवार स्थापित किये गये हैण्ड पम्प में उज्जैन जिले में कुल 8960 हैण्ड पम्प स्थापित किये गये हैं, जिनमें से 8270 हैण्ड पम्प चालू हैं। कुल 690 हैण्ड पम्प बन्द हैं, जिनमें से 38 साधारण खराबी से और 652 जलस्तर गिरने से बन्द हुए हैं। साधारण खराबी से बन्द हुए हैण्ड पम्प को शीघ्र चालू करवाने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये। जिले में नल जल प्रदाय योजनाओं के संधारण की स्थिति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजनाओं का संचालन-संधारण ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है। उज्जैन जिले में कुल 253 योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं, जिनमें से 229 योजनाएं चालू हैं और मात्र 24 योजनाएं बन्द हैं।

    कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि नल जल योजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अच्छा कार्य किया गया है, लेकिन इसमें रख-रखाव की ओर विशेष ध्यान दिया जाये। पंच-परमेश्वर योजना के तहत ग्राम पंचायतों में राशि क्यों नहीं जमा की जा रही है, इस पर कलेक्टर ने चिन्ता व्यक्त की और शीघ्र ही इसका निराकरण करने के निर्देश दिये। नल जल योजना के तहत पानी का स्त्रोत ऐसा हो, जो गर्मियों में न सूखे। जो योजनाएं चालू स्थिति में हैं, उनका भौतिक सत्यापन कराया जाये।

    जिले में निवास करने वाले मजरे टोलों के लिये पीएचई द्वारा पेयजल की क्या व्यवस्थाएं और योजनाएं बनाई जा सकती हैं, इसका विधिवत प्रस्ताव विभाग तैयार कर कलेक्टर कार्यालय को उपलब्ध कराये।

"मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना शासन की अत्यन्त महत्वाकांक्षी योजना है" –कलेक्टर

    श्रम विभाग के अन्तर्गत मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि ये शासन की बहुत महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण योजना है। इसका क्रियान्वयन युद्धस्तर पर किया जाना जरूरी है। इस योजना में जो नये बिन्दु जोड़े गये हैं, सम्बन्धित विभाग उसके प्रति जागरूक रहे और समय-समय पर अवगत कराये। बैठक में बताया गया कि 1 अप्रैल 2018 से आज दिनांक तक उज्जैन जिले में कुल 470744 श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है, जिसमें से 313573 श्रमिकों का सत्यापन किया जा चुका है। इस योजना के अन्तर्गत श्रमिकों को मुख्य रूप से अन्त्येष्टी सहायता योजना, अनुग्रह राशि भुगतान योजना और प्रसूति सहायता योजना का लाभ मिलेगा।

कलेक्टर ने समिति के सदस्यों से कहा कि प्रसूति सहायता योजना के तहत जिले में सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें एएनएम और महिला बाल विकास विभाग की पूरी टीम लगी हुई है। इस योजना के फार्म समिति के सभी सदस्यों को भेजे जायें, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों के पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ लेने के लिये जोड़ सकें। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को इस योजना से बहुत फायदा होगा। अन्त्येष्टि सहायता योजना के अन्तर्गत मृत्यु रजिस्टर में से आंकड़े निकाले जायें और हितग्राहियों का चिन्हांकन किया जाये। ये समस्त जानकारी तुरन्त क्रियान्वयन के पश्चात पोर्टल पर अपलोड की जायें। ग्रामीण स्तर पर पंचायत सचिव श्रमिकों का पंजीयन करायें।    

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