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प्रदेश की पहली शासकीय बोन-मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट इंदौर में स्थापित होगी एम.वाय. हॉस्पिटल में होगा बोन-मेरो ट्रांसप्लांट



उज्जैन। मध्यप्रदेश में भी शासकीय अस्पताल में पहली बार बोन-मेरो ट्रांसप्लांट की
सुविधा राज्य सरकार उपलब्ध करवाने जा रही है। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया है
कि शीघ्र ही इंदौर के महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल में बोन-मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित की जा रही है।
ट्रांसप्लांट की शुरूआत थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों से की जाएगी। इसके बाद यह सुविधा सिकलसेन ऐनीमिया,
ल्यूकेमिया से पीड़ित बच्चों को उपलब्ध करवाई जाएगी। ट्रांसप्लांट के लिये 12 साल से कम उम्र के बच्चों
को प्राथमिकता दी जाएगी।
आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने बताया है कि बोन-मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट एम.वाय. हॉस्पिटल की चौथी
मंजिल पर संचालित होगी। इसके लिये महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल इंदौर को डेढ करोड़ की राशि बोन-मेरो
ट्रांसप्लांट यूनिट में स्टेम सेल, एचएलए एवं सायटोमेट्री लैब की स्थापना हेतु आवश्यक उपकरणों के क्रय एवं
अन्य कार्यों के लिये प्रदान की गई है। कोलंबिया विश्वविद्यालय यूएसए के सह-प्राध्यापक डॉ. प्रकाश सतवानी
यूनिट की स्थापना के लिये आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। साथ ही एम.वाय. हॉस्पिटल इंदौर के शिशु रोग
विभाग के दो चिकित्सक को 6 माह की प्रशिक्षण की सुविधा कोलंबिया विश्वविद्यालय में दिया जाना
सुनिश्चित करवायेंगे। वर्तमान में दो चिकित्सक आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण व्यय राज्य
सरकार वहन कर रही है।
मध्यप्रदेश के अप्रवासी भारतीयों को प्रदेश से जोड़े रखने की मुख्यमंत्री श्री चौहान की अनूठी पहल के
परिणाम धरातल पर परिलक्षित होने लगे हैं। डॉ. सतवानी का जन्म इसी प्रदेश की माटी में हुआ है। अपनी
जमीन से जुड़े रहने की इच्छा को प्रदेश सरकार की पहल द्वारा साकार रूप दिया जा रहा है।
25 दिसम्बर से इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में होंगे शिविर
बोन-मेरो ट्रांसप्लांट इकाई द्वारा थैलिसीमिया के मरीजों के लिये दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में
शिविर लगाये जाएंगे। शिविरों में डॉ. प्रकाश सतवानी बोन-मेरो ट्रांसप्लांट के बारे में जानकारी देंगे। मरीजों की
नि:शुल्क एचएलए टाइपिंग भी की जाएगी। एम.वाय. ऑडिटोरियम एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज इंदौर में 25
दिसम्बर को, 26 दिसम्बर को गाँधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के आडिटोरियम में और 27 दिसम्बर को
ऑडिटोरियम गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के आडिटोरियम मेंशिविर लगेंगे। प्रत्येक शिविर में सुबह
10 से दोपहर 12 बजे तक व्याख्यान होगा। दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक एचएलए टाइपिंग होगी।
ट्रांसप्लांट कार्य अप्रैल-2018 से किये जाने का लक्ष्य
बोन-मेरो ट्रांसप्लांट का कार्य अप्रैल-2018 से प्रारंभ किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। शिविरों में
एचएलए टाइपिंग के बाद प्रतीक्षा सूची जारी की जाएगी। ट्रांसप्लांट के लिये 12 वर्ष से कम उम्र के ऐसे
बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके स्वस्थ भाई-बहन डोनर के रूप में तैयार होंगे। साथ ही जिनका
ट्रांसप्लांट सफल होने की संभावना ज्यादा रहेगी।
चयन के लिये 22 दिसम्बर तक होगा पंजीयन
बोन-मेरो ट्रांसप्लांट करवाने के लिये चयन के लिये 22 दिसम्बर 2017 तक पंजीयन कराना होगा।
चयन के लिये 3 पेज के फार्म में मरीज एवं उनके अभिभावकों द्वारा जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। यह
फार्म गॉधी मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग, चाचा नेहरू अस्पताल इंदौर और जयारोग्य चिकित्सालय
ग्वालियर के शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों के पास उपलब्ध रहेगा। संबंधित शिशु रोग विभाग में आवश्यक
पूर्ति कर पंजीयन करवाना जरूरी होगा।

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