मुस्कुराहट कुदरत की देन- स्वामी मुस्कुराके
उज्जैन। मुस्कुराता चेहरा समाज को हौसला देता है। शांति की शुरुआत एक मुस्कुराहट से होती है। मुस्कुराते चेहरों का चुम्बक कितनों की ही जिन्दगी बदल देता है। मुस्कुराहट का धर्म सिर्फ आनंद ही होता है। एक सहज मुस्कुराहट के उभरते ही दुनिया के सारे तनाव दुम दबाकर भाग खड़े होते है। मुस्कुराहट कुदरत की देन है।
उक्त उदगार राष्ट्रपति अलंकरण से सम्मानित आनंद विभाग के जिला नोडल अधिकारी स्वामी मुस्कुराके शैलेन्द्र व्यास ने पशु पालन विभाग के सभाकक्ष में विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के समक्ष व्यक्त किये। अध्यक्षता विभाग के उपसंचालक एच पी त्रिवेदी ने की। स्वामी मुस्कुराके ने ठहाकों एवं तालियों से गुनगुनाती ठंड में ऊष्मा का एहसास कराया। इस अवसर पर वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र गुप्त ने मध्य प्रदेश शासन के आंनद विभाग की रोचक क्रियाओं के द्वारा तनाव को दूर भगाने के सूत्र दिये। तारामंडल के अधीक्षक शैलेन्द्र डाबी ने अल्प विराम के तहत रोचक जानकारी प्रदान की। संचालन पी एल डाबरे ने किया।