रूडिवादी परम्परा को तोड़कर बेटे की मौत के बाद ससुराल वालों ने बहू को पढ़ाया, अब देवर से की शादी
.नागदा ( उज्जैन ). नागदा में एक जाट फैमिली ऐसी भी है जिसने बेटे की एक्सीडेंट में मौत के बाद बहू को घरने में ही रखने की बजाए उसे पढ़ने भेज दिया। अब बहू ग्रैजुएट हो गई है। ससुर ने अपने छोटे बेटे से बहू की शादी कराने का फैसला किया। यह परंपराओं को तोड़ बड़ा साहसिक फैसला लिया और आज अपने छोटे बेटे के साथ शादी भी करवा दी ।
हादसे में हो गई थी बड़े बेटे की मौत...
जाट कम्युनिटी के राजेंद्र चौधरी ट्रांसपोर्ट बिजनेसमैन हैं। लगभग साढ़े पांच साल पहले 17 फरवरी 2012 को तीन बेटे में सबसे बड़े आईटी इंजीनियर सुमित का विवाह बखतगढ़ के जाट परिवार की गायत्री से किया था। 2 जून 2014 को सुमित की हादसे में मौत हो गई। पिता के सपने तो टूटे ही बहू और 7 माह की पोती धनवी का भविष्य भी खो गया। बेटे को खोने के बाद भी राजेंद्र ने हिम्मत नहीं छोड़ी। बहू को गर्ल्स कॉलेज में एडमिशन दिलाया। वह ग्रेजुएट बनकर कम्युनिटी के लिए प्रेरणा बनकर उभरी। अब छोटे बेटे हितेश से शादी की आज धूम धाम से शादी की रस्म अदा की गयी .