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विभागीय अनियमितता से त्रस्त कर्मचारियों ने विसंगतियों को दूर करने की मांग की



उज्जैन। विभागीय अनियमितता की वजह से त्रस्त कर्मचारियों न्यू
बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले सोमवार को मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सोंपा जिसमें विसंगतियों को
दूर करने की मांग की गई।
कार्यकारी जिलाध्यक्ष एम.आर. मंसूरी ने कहा कि कर्मचारियों से जो रिकवरी
निकाली जा रही है वह लाखों रूपये की है। ज्ञापन में सर्वोच्च न्यायालय
एवं उच्च न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि वेतन निर्धारण
में की गई त्रुटि शासन की ओर से हुई लिपिकीय त्रुटि है। जिसके लिए
अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। इस कारण त्रुटि होने पर अधिकारियों
एवं कर्मचारियों के वेतन से रिकवरी नहीं की जा सकती। इसके अलावा 31 अगस्त
2016 को सेवानिवृत्त कर्मियों को ग्रेज्युटी की राशि का भुगतान नहीं हो
सका है, पेंशन राशि 90 प्रतिशत दी जा रही है जबकि 100 फीसदी देना चाहिये
थी। सातवा वेतनमान भी प्रदान किये जाने की मांग की। 4 वर्षों से मैदानी
कर्मचारियों को यात्रा भत्ता नहीं दिया गया है। जिसकी वजह से राष्ट्रीय
कार्यक्रम सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं तथा 2016 में हुई हड़ताल की
अवधि का 8 दिवस का वेतन कटौत्रा आज तक वापिस नहीं मिला है। ज्ञापन सौंपकर
2011-12 का एचआर गृहभाड़ा भत्ता का पूरक बिल बनाकर दिया जाने तथा शहरी
क्षेत्र की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी प्रतिमाह 1 तारीख को वेतन प्रदान
करने की मांग भी की। ज्ञापन देने के दौरान मो. रफीक मंसूरी, राजेन्द्र
अहिरवार, संजय सिसौदिया, के.एस. परमार, हमीद खान, राजपाल यादव, सी.एल.
राठौर, शकुंतला कौशल, विनोद चौधरी, परमानंद कटारिया, अल्ताफ खान, कृष्णा
शर्मा, संजय पुरैया, ललित नागर, ओ.पी. यादव, वर्षा धवन, अलका मताने, उषा
बड़े, पुष्पा जाधव, राजकुमार तंवर, महेश धेनिया, सुरेश खत्री, प्रदीप
बैरागी सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

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