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इस बार डेढ़ वर्षीय मुहूर्त के साथ श्री विक्रमादित्य पंचांग का हुआ प्रकाशन


 

देशभर के विद्वान ज्योतिषियों द्वारा प्रमाणित मुहूर्त के 
सरलीकरण ने बनाया घर का पंडित।

    उज्जैन। प्रतिष्ठित ऋषि-मुनि प्रकाशन द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी संवत्सर ‘‘विरोधकृत’’ के संवत् २०७४-७५,  (सन् २०१७-१८) के लिये प्रकाशित कार्तिकादि ‘‘श्री विक्रमादित्य पंचांग’’ का प्रकाशन किया गया है। इसका विमोचन गत दिवस श्री उदासीन आश्रम के अलख मेहरधाम के गादीपति महंत श्री आत्मादास जी महाराज के कर कमलों से सम्पन्न हुआ।
    विमोचन कार्यक्रम का आयोजन ऋषि-मुनि प्रकाशन के कार्यालय पर हुआ। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में आचार्य श्री श्रीराम तिवारी जी, संत अमरदास जी, संदीप कुलश्रेष्ठ, वैâलाश डागा, नवल माहेश्वरी, सुनील जैन, जयप्रकाश राठी, मुनि बाहेती, अक्षय आमेरिया,  अखिलेश शर्मा आदि उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत प्रकाशक पुष्कर बाहेती ने किया। श्री बाहेती ने पंचांग की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह पंचांग विशेष विद्वानों द्वारा ग्रह लाघवीय पद्धति से तैयार किया गया है। सटिक कालगणना के कारण इसे देशभर के ख्यात ज्योतिष विद्वानों द्वारा प्रमाणित है। हमेशा से ही अत्यंत सरल रूप में स्पष्ट कर लगभग सभी विशिष्ट अवसरों के सरल मुहूर्त देना ‘‘ श्री विक्रमादित्य पंचांग’’ की विशेषता रही है। यही कारण है कि यह पाठकों के बीच ‘‘घर का पंडित’’ के रूप में प्रतिष्ठित है। इसी विशेषता के साथ इस बार इसमें डेढ़ वर्ष के मुहूर्त दिये गये हैं, जिससे पाठकगण अग्रिम रूप से किसी कार्यक्रम का मुहूर्त देखकर अपनी योजना बना सकते हैं। 

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