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देवांश तथा चंचल जैसे कई बच्चों को मिली है पोषण पुनर्वास से तंदुरूस्ती



उज्जैन । राज्य शासन द्वारा शासकीय चिकित्सालयों में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों से
कई सारे बच्चों को तन्दुरूस्ती मिल रही है। इनमें उज्जैन का आठ वर्षीय देवांश हो या मकोड़िया की बालिका
चंचल हो, इनके जैसे 700 से ज्यादा बच्चे अपने घरों में सेहतमन्द होकर खुशहाल जिन्दगी जी रहे हैं। पोषण
पुनर्वास केन्द्रों पर उन बच्चों को भर्ती किया जाता है, जो अत्यन्त कुपोषित होते हैं। बच्चों को इन केन्द्रों में 14
दिनों तक भर्ती रखा जाकर पौष्टिक आहार तथा उपचार प्रदान किया जाता है। जिले के शासकीय चिकित्सालयों में
विशेष वार्ड को पोषण पुनर्वास केन्द्र के रूप में संचालित किया जाकर बच्चों को भर्ती रखा जाता है।
उज्जैन के ढांचा भवन क्षेत्र का आठ वर्षीय देवांश अत्यन्त कुपोषित होकर गिरते वजन की स्थिति में
पोषण पुनर्वास केन्द्र पर बिते अप्रैल माह में भर्ती किया गया था। भर्ती के समय उसका वजन मात्र छह किलोग्राम
था। जब 17 अप्रैल को उसको छुट्टी दी गई, तब उसका वजन बढ़कर साढ़े छह किलो हो चुका था। इसके बाद
अप्रैल माह के अन्त में प्रथम फालोअप के समय वजन छह किलो 700 ग्राम, द्वितीय फालोअप के समय 15
मई को छह किलो 900 ग्राम, तृतीय फालोअप के समय 30 मई को उसका वजन सात किलो 280 ग्राम तथा
चतुर्थ फालोअप जो 15 जून को हुआ, तब उसका वजन सात किलो 350 ग्राम हो चुका था।
पोषण पुनर्वास केन्द्र पर भर्ती कुपोषित बच्चे की माता को आने-जाने का किराया, 14 दिनों की क्षतिपूर्ति
राशि के साथ ही फालोअप सहित 2707 रूपये की राशि दी जाती है। मकोड़िया की बालिका चंचल भी जब पोषण
पुनर्वास केन्द्र उज्जैन में भर्ती की गई थी, तब उसका वजन मात्र छह किलोग्राम था। वर्ष 2016 में 21 मार्च को
उसे केन्द्र पर भर्ती किया गया। आगामी 4 अप्रैल को छुट्टी के समय उसका वजन छह किलो 965 ग्राम हो चुका
था। चार फालोअप के दौरान उसके वजन में निरन्तर बढ़ोत्री होती गई। प्रथम फालोअप में सात किलो 755 ग्राम,
द्वितीय फालोअप में आठ किलो 230 ग्राम, तृतीय फालोअप में आठ किलो 600 ग्राम तथा चतुर्थ
फालोअप में 30 मई को उसका वजन आठ किलो 975 ग्राम था।
उज्जैन के 18 माह आयु के आयुष को माधव नगर के पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया गया
तब उसका वजन मात्र छह किलो 300 ग्राम था। मरणासन्न हो चुके आयुष के माता-पिता आस छोड़
चुके थे, किन्तु पोषण पुनर्वास केन्द्र द्वारा आयुष को पौष्टिक आहार प्रदान किया गया। फलस्वरुप
तीन माह बाद आयुष का वजन 10 किलो हो गया है एवं आयुष सामान्य जीवन जी रहा है।

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