अच्युतानन्द गुरू अखाड़ा संस्था के 150वे वर्ष में प्रवेश पर स्मारिका ‘दिव्य अच्युत’ का विमोचन
उज्जैन @ स्थानीय अच्युतानन्द गुरू अखाड़ा संस्था के 150वे वर्ष में प्रवेश पर संस्था द्वारा जारी स्मारिका ‘दिव्य अच्युत’ का विमोचन बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। झालरियामठ परिसर में स्मारिका के विमोचन अवसर पर साध्वी सुश्री ऋतंभराजी, ऊर्जा मंत्री पारस जैन, सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष चैतन्य कश्यप, सिंहस्थ केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंह चौहान, जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय, रंगनाथाचार्यजी, राजा बाबाजी, आचार्य शेखरजी, रामेश्वरदासजी, अवधेशपुरीजी, महापौर मीना जोनवाल, नगर निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत, श्याम बंसल, विधायक मांधाता लोकेन्द्रसिंह तोमर, विधायक खंडवा देवेन्द्र वर्मा आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर साध्वी सुश्री ऋतंभराजी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरू अखाड़े की पवित्र परम्परा डेढ़ सौ वर्षों से जारी है। यह अत्यन्त सराहनीय है। इस परम्परा को सिंचित करने वाले सभी जन सराहना के योग्य हैं। उन्होंने गुरू-शिष्य परम्परा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि वे भाग्यशाली होते हैं, जिन्हें सच्चे गुरू मिलते हैं। शिष्य होना भी आसान नहीं है। शिष्य बनने के लिये अथक परिश्रम व साधना करना पड़ती है। उन्होंने पवित्रता, शुचिता, देशभक्ति, साहस, शौर्य व कार्य की महत्ता पर उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि कार्य साधना से ही सिद्धि मिलती है। उन्होंने कार्यक्रम में उज्जैन के बालक-बालिकाओं के मल्लखंब प्रदर्शन तथा सांस्कृतिक प्रस्तुति की सराहना की।
प्रारम्भ में ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम आयोजन तथा इससे जुड़े घटकों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उज्जैन के बालक-बालिकाओं ने मल्लखंब का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए उपस्थित जनों का मन मोह लिया। सुश्री खुशबू पांचाल तथा दल ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।