top header advertisement
Home - उज्जैन << वैदिक गणित की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन

वैदिक गणित की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन


उज्जैन 10 सितम्बर। संपूर्ण विष्व को ज्ञान और मानवता भारत देष की ही देन है। यहाॅ की मानवीयता पूरे विष्व में विख्यात है और सबके कल्याण का संदेष देता है। मानव जीवन को सत्यता का दिग्दर्षन भारत के मनीषियों ने कराया है। वर्तमान भौतिकवादी युग में दुनिया के तडपते हुए मानव को सुख और शांति की तलाष है। दुनिया के लिए यह चिंता का विषय हो या न हो किन्तु भारत और भारतीय दर्षन दूसरों को सुख देने की सीख देता है।  इस आषय के विचार चिन्तामण गणेष स्थित श्री महाकालेष्वर वैदिक प्रषिक्षण एवं शोध संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय वैदिक गणित की राष्ट्रीय कार्यषाला क समापन अवसर पर श्री माखन सिंह ने व्यक्त किये। कार्यषाला में देष के 18 प्रान्तों के लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लेकर वैदिक गणित के विषय विषेषज्ञों के द्वारा चिन्तन और मनन किया। श्री माखन सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैदिक गणित का मंथन कर जो उन्होंने सीखा है और पाठ्यक्रम का निर्माण किया है। उसे सरकार और विष्व विद्यालयों को अंगीकार करने हेतु विचार किया जावेगा। उन्होंने कहा कि भौतिकता की भूख में मानव गलत राह पर चल पडा है जो गलत है। हम सब उसे संस्कारिक करने का प्रयत्न करेंगे। हमारे महापुरूषों ने मनुष्य को जोडने और संस्कारिक करने की षिक्षा दी है।  कार्यक्रम के आरंभ में षिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के वैदिक गणिक के राष्ट्रीय संयोजक श्री कैलाष विष्वकर्मा ने तीन दिवसीय कार्यषाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि कार्यषाला में वैदिक गणित के सामान्य विषय से शोध तक जाने का चिन्तन मनन और मंथन हुआ है। श्री माखन सिंह, मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य द्वय श्री विभाष उपाध्याय एवं श्री जगदीष शुक्ला तथ सहायक प्रषासक सुश्री प्रीति चैहान ने विषय विषेषज्ञों में सर्वश्री विष्वनाथ, बैंगलोर, रोहतक के राजेष भाटिया, अकोला से राम चैथाईवाल,े हैदराबाद के सीताराम, नागपुर के अनंत श्रीवास, सुश्री कालिंदी नाटे, हैदराबाद के सुभाष, दिल्ली के चन्द्रषेखर इन्दौर के श्रद्धा ताई देषपाण्डे, शेफाली जोषी आदि को भगवान महाकाल के आषिर्वाद स्वरूप दुपट्टा एवं लड्डु प्रसाद भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यषाला के संयोजन डाॅ वी.के. गुप्ता ने किया और अंत में आभार सहायक प्रषासक सुश्री प्रीति चैहान ने व्यक्त किया इस अवसर पर डाॅ राजेन्द्र गुप्त, डाॅ. धर्मेन्द्र यादव, डाॅ. राजीव पण्ड्या, डाॅ. पीयूष त्रिपाठी, डाॅ. जफर मेहमूद सहित देषभर से आये वैदिक विद्वान आदि उपस्थित थे। 

Leave a reply