श्री गणेश की प्रतिमाओं का अस्वच्छ जल एवं मूर्तियों को तोड़कर किया विसर्जन
उज्जैन। क्षिप्रा शुध्दिकरण एवं पर्यावरण की दिखावटी चिंता करने वाला नगर निगम एवं उसके जनप्रतिनिधियों ने प्रथम पूज्या गणेश की लगभग एक लाख मूर्तियों को ऐसे स्थानों पर फेंक कर विसर्जन कराया है जो अस्वच्छ जलों से पूर्व से भरे थे एवं कई बड़े गड्ढ़ों में गणपतिजी को डम्परों में भरकर फैंक दिया गया जिससे राजा महाकालेश्वर की नगरी के धार्मिक एवं भक्तिभाव वाले नागरिकों को ठेस पहुंची है।
उक्त कृत्य की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता रवि राय ने कहा कि क्षिप्रा में आज भी इंदौर का मलमूत्र, औद्योगिक प्रदूषित जल, इंदौर रोड़ के विभिन्न होटलों का गंदा पानी शहर का गंदा पानी मिल रहा है। परंतु पर्यावरण के नाम पर भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन पवित्र नदियों में नहीं करने दिया गया। जबकि धार्मिक परंपराओं में नदियों में विसर्जन का ही महत्व है। परंतु 11 दिवसीय पूजन के बाद भगवान की प्रतिमाओं का असम्मान पूर्वक विसर्जन प्रजातंत्र में निंदनीय है। ऐसा कृत्य तो भारत में अंग्रेजों ने भी नहीं किया था। रवि राय ने समस्त सनातन धर्म के मानने वालों से उक्त कृत्व की निंदा करने का आग्रह किया एवं मुख्यमंत्री से दोषियों को दंडित करने का आग्रह करते हुए आगामी नवरात्रि महापर्व पर मूर्तियों का विसर्जन पवित्रता एवं सम्मानजनक स्थानों पर ही कराने का आग्रह किया।