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स्वच्छता पखवाड़े के तहत स्कूलों में आयोजनों का सिलसिला जारी


 

उज्जैन। जिले की सभी शालाओं में गत एक सितम्बर से स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित
किया जा रहा है। आगामी 15 सितम्बर तक चलने वाले इस पखवाड़े के दौरान कई तरह की गतिविधियां
आयोजित की जा रही हैं। इसके लिये राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा गतिविधि कैलेण्डर जारी किया गया है। इस दौरान
स्वच्छता शपथ, स्वच्छता जागरूकता दिवस, स्वच्छता रख-रखाव, स्वच्छता सहभागिता, स्वच्छ नाखून, शाला
सफाई, साबुन से हाथ धुलाई, जन-जागृति, समुदाय जागरूकता जैसे कई कार्य समुदाय एवं बच्चों की सहभागिता
से किये जा रहे हैं।

स्वच्छता पखवाड़े के दौरान 7 सितम्बर को शालाओं में साबुन से हाथ धुलाई कार्य के लिये विद्यार्थियों
को प्रशिक्षित किया जायेगा। 8 सितम्बर को शालाओं में विद्यार्थियों को व्यक्तिगत स्वच्छता के घटकों, मुख्य
रूप से खाने के पहले एवं शौच के बाद साबुन से हाथ धोने, रोज नहाने, दातुन करने, खुले में शौच नहीं करने,
शौचालय का उपयोग करने, इनसे होने वाले स्वास्थ्य पर प्रभावों तथा स्वच्छता के व्यवहार की भी जानकारी दी
जायेगी। 9 सितम्बर को शालाओं में जन-जागृति दिवस मनेगा। शाला प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित कर
स्वच्छता के एजेण्डे को चर्चा में शामिल किया जायेगा। शाला के अपशिष्ट जल का उपयोग शाला शौचालय की
सफाई एवं बगीचे में किये जाने किये जाने की जानकारी दी जायेगी। 10 सितम्बर को समुदाय जागरूकता दिवस
के तहत शाला प्रबंधन समिति, पालकगण, समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ स्वच्छता सुविधाओं की देखरेख व
सुरक्षा पर विशेष चर्चा होगी। स्वच्छता सुविधाओं की सफाई सभी की सहभागिता से की जायेगी। शाला परिसर,
बाउंड्री वाल, शौचालय की दीवारों पर स्वच्छता सन्देश व सुन्दर पेंटिंग की जायेगी। 11 सितम्बर शाला स्वच्छता
प्रदर्शनी दिवस होगा। इस दिवस स्वच्छता गतिविधियों के फोटोग्राफ्स, बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स, स्लोगन,
कार्टून आदि का प्रदर्शन प्रत्येक शाला में होगा। पालकगणों तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को प्रदर्शनी अवलोकन
के लिये आमंत्रित किया जायेगा। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर स्थानीय सामग्री अनुपयोगी सामग्री का उपयोग
कर सुन्दर, आर्टिस्टिक कचरा पेटी बनवाई जायेगी। उसका कक्षाओं में उपयोग किया जायेगा। 12 सितम्बर को
स्वच्छ जल दिवस मनेगा। इस अवसर पर शाला में कोई भी बच्चा सीधे हैण्ड पम्प से पानी नहीं पीये, हैण्ड पम्प
का पानी सुरक्षित पात्र में संरक्षित कर स्वच्छ छानकर भरा जाये। लम्बी डंडी का लोटा तथा गिलास की व्यवस्था
रखकर सही तरीके से पानी पीना सीखाया जायेगा। विद्यार्थियों को पानी के सुरक्षित या असुरक्षित होने की
जानकारी दी जायेगी। पानी छानने व सुरक्षित रखने में प्रयोग लाये जाने वाले विभिन्न फिल्टर, फिटकरी,
सेंडफिल्टर आदि की जानकारी दी जायेगी। पानी से होने वाली बीमारियों की जानकारी देंगे।
पखवाड़े के दौरान 13 सितम्बर को पानी के संधारण एवं प्रबंधन की जानकारी दी जायेगी। वाटर
हार्वेस्टिंग, संरचनाओं के निर्माण के बारे में बताया जायेगा। 14 सितम्बर को पत्र लेखन एवं शाला सम्बन्धित
ग्रेडिंग के तहत विद्यार्थियों द्वारा गांव के सरपंच, शाला प्रबंधन समिति को शाला शौचालय की मरम्मत एवं
नियमित सफाई के लिये लिखे जाने वाले पत्र का मसौदा एवं ड्राफ्ट के लिये शिक्षक विद्यार्थियों को गाइड करेंगे।
विद्यार्थी अपने माता-पिता को घर में शौचालय नहीं होने की स्थिति में शौचालय निर्माण हेतु पत्र लिखने के लिये
ड्राफ्ट बनाने में भी शिक्षकों से मार्गदर्शन लेंगे। शालाओं की स्वच्छता के मुख्य मापदण्डों के आधार पर स्वच्छता
की ग्रेडिंग होगी। इसके लिये स्वच्छता के 30 प्रश्नोत्तरी का सेट एवं ग्रेडिंग पैटर्न प्रेषित किया गया है। इस
स्वमूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से प्रत्येक शाला की स्वच्छता ग्रेडिंग कर विकास खण्डवार शालाओं की जानकारी
तैयार की जायेगी। पखवाड़े के अन्तिम दिवस 15 सितम्बर को बैठक का आयोजन होगा। इसमें विकास खण्ड एवं
जिला स्तर पर स्वच्छता पखवाड़े की गतिविधियों की प्रगति की जानकारी पर डीपीसी एवं डीईओ के माध्यम से
सभी अन्तर्विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी जायेगी। जिले की स्वच्छता पखवाड़े की यात्रा बुक बनेगी।

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