दिन में तारे देखने हों तो आएं तारा मण्डल में ब्रह्माण्ड के सौन्दर्य, आकाशगंगाओं एवं खगोलीय सिद्धान्तों का आनन्द लें संभागायुक्त ने बैठक में प्रचार-प्रसार के दिए निर्देश
उज्जैन। वसन्त विहार कॉलोनी ‘सी’ सैक्टर उज्जैन में प्रदेश का एकमात्र अत्यन्त आधुनिक
एवं उच्च तकनीकीयुक्त तारा मण्डल स्थापित है, जिसका शुभारम्भ वर्ष 2013 में पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रसिद्ध
वैज्ञानिक डॉ.एपीजे कलाम द्वारा किया गया था। इसमें ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के सिद्धान्तों के साथ ही तारों,
नक्षत्रों, आकाशगंगाओं का तकनीकी के माध्यम से डोमनुमा हॉल में सजीव प्रदर्शन किया जाता है। दिन में तारे
नजर आते हैं। तारा मण्डल के शो सोमवार छोड़कर प्रतिदिन सुबह 11, दोपहर 12, सायं 4 एवं 5 बजे संचालित
होते हैं। शुल्क विद्यार्थियों के लिये 30 रूपये तथा अन्य व्यक्तियों के लिये 50 रूपये है।
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि उज्जैन की इस अमूल्य धरोहर
का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे उज्जैन जिले एवं संभाग के लोग तथा उज्जैन में बाहर से
आने वाले यात्री इसका पूरा लाभ ले सकें। संभागायुक्त ने इसके प्रचार-प्रसार के लिए इसे उज्जैन दर्शन बस सेवा
से जोड़ने, नगर के प्रमुख स्थानों, प्रवेश मार्गों पर होर्डिंग्स लगाए जाने, यहां बच्चों के शैक्षणिक टूर आयोजित
किए जाने, पर्यटन विकास निगम के सभी होटल्स में इसका ब्रोशर रखे जाने आदि के निर्देश दिए।
तारा मण्डल के कार्यक्रम
मंगलवार से रविवार सुबह 11 से - कॉस्मिक कॉलिजन्स (हिन्दी)
मंगलवार से रविवार दोप. 12 से - जर्नी टू द स्टार लाइफ (अंग्रेजी)
मंगलवार से रविवार सायं 04 एवं 05 से - कॉस्मिक कॉलिजन्स (हिन्दी)
रविवार सायं 5.30 - द सर्च फॉर लाइफ (अंग्रेजी)
(सोमवार को तारा मण्डल बन्द रहता है)
कार्यक्रमों की विशेषताएं
तारा मण्डल के ‘कॉस्मिक कॉलिजन्स’ कार्यक्रम के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के प्रमुख स्थानों के साथ उज्जैन
शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थानों की विस्तृत जानकारी एवं उज्जैन की विशेष खगोलीय स्थिति के महत्व को
विस्तारपूर्वक बताया गया है। कुंभ महापर्व आयोजन के वैज्ञानिक एवं खगोलीय महत्व को सरलता से समझाया
गया है। उज्जैन शहर की स्थिति पृथ्वी पर क्यों विशेष है? इसके वैज्ञानिक कारणों को रोचक ढंग से समझाया
जाता है। उज्जैन तारा मण्डल देश के तारा मण्डलों में सबसे अधिक आधुनिक तकनीकी पर आधारित है, जिसमें
इसके आकाशीय दृश्य उच्च गुणवत्ता के हैं। कार्यक्रमों में सौर मण्डल व इसके ग्रहों के बारे में तथा पृथ्वी इस सौर
मण्डल परिवार में अदभुत ग्रह क्यों है? के बारे में विस्तृत बताया गया है। पृथ्वी पर जीवन कैसे संभव हो पाया
है? इस बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
इसी प्रकार ‘जर्नी टू द स्टार’ कार्यक्रम में उज्जैन की खगोलीय जानकारी व कुंभ के आयोजन की विशेष
खगोलीय वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ हमारे सौर मण्डल एवं सूर्य के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है।
आकाशगंगाओं में मौजूद असंख्य तारों के दृश्यों में दिखाया गया है कि किस तरह हमारे ब्रह्माण्ड का
निर्माण हो रहा है और भविष्य में क्या होगा।
‘द सर्च फॉर लाइफ’ कार्यक्रम में यह बताया गया है कि हमारी पृथ्वी के अलावा ब्रह्माण्ड में और कहां
जीवन होने की क्या संभावनाएं हैं? अभी तक दुनिया में इस दिशा में किए गए अनुसंधानों से हम किस निष्कर्ष
पर पहुंचे हैं? इसको विस्तृत रूप में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया गया है। मंगल ग्रह के सम्बन्ध में
दुनिया में हो रहे अनुसंधानों और यहां जीवन की संभावनाओं से परिचित कराया गया है।