गंभीर कैचमेंट एरिया में केवल चना एवं सरसों की फसल होगी
कलेक्टर ने बैठक में उप संचालक कृषि, एसडीएम उज्जैन, घट्टिया एवं नगर निगम के
अधिकारियों को निर्देशित किया कि गंभीर कैचमेंट एरिया में जल अभाव को देखते हुए इस बार दो
पानी की फसलें लेने हेतु किसानों को निर्देशित किया जाये। उन्होंने स्पष्ट किया कि गेहूं में पांच पानी
लगता है और चना एवं सरसो में केवल दो पानी से काम चल जाता है। इससे क्षेत्र का अण्डर ग्राउण्ड
वाटर लेवल भी मेंटेन रहेगा और किसान कम पानी में अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर सकेंगे। बैठक में
बताया गया कि इस क्षेत्र के 850 बड़ी जोत वाले किसान 3200 हेक्टेयर में सिंचित फसल करते हैं।
कलेक्टर ने इन किसानों को शत-प्रतिशत फसल चक्र में परिवर्तन करने के लिये प्रेरित करने के निर्देश
दिये हैं। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया है कि वे जिले में कार्यरत सभी ग्रामीण कृषि
विस्तार अधिकारियों की ड्यूटी गंभीर कैचमेंट एरिया के प्रत्येक ग्राम में लगायें एवं सुनिश्चित करें कि
किसान कम पानी की फसल ही बोयें। इसके लिये व्यापक पैमाने पर अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार
करने को कहा गया है। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया है कि जिले के सभी बड़े
तालाबों के आसपास भी इसी तरह से क्रॉपिंग पैटर्न में बदलाव लाने के प्रयास किये जायें।